नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को गोवा में हुई ब्रिक्स देशों की बैठक को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि घोषणापत्र में आतंकवाद की सख्ती से निंदा की गई, जो अबतक किसी भी ब्रिक्स सम्मेलन में नहीं हुआ।
गोवा घोषणा में आतंकवाद का मुद्दा दढ़तापूर्वक न उठाने और पाकिस्तान पर निशाना न साधने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों से कहा कि गोवा सम्मेलन में आतंक और आतंकवाद शब्द का प्रयोग 37 बार किया गया।
उन्होंने कहा कि गोवा घोषणा में आतंकवाद के खिलाफ सबसे कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया। हम सभी जानते हैं कि आतंकवाद को कौन देश बढ़ावा दे रहा है।
गौरतलब है कि ब्रिक्स घोषणा में आतंकवाद को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था कि भारत के अलावा कोई दूसरा देश सीमा पार आतंकवाद से पीडि़त नहीं है और ब्रिक्स भारत के होने के बावजूद सरकार उरी आतंकी हमले की सीधी निंदा नहीं करा पाई। यही उसकी कूटनीतिक विफलता है।
सार्क देशों की बैठक पर उन्होंने कहा कि सार्क में हमारा हित बरकरार है मगर हमारी चिंता ये है कि कनेक्टिविटी, व्यापारिक सहयोग और आतंक-मुक्त माहौल होना चाहिए, जो कि नहीं है।
विकास स्वरूप ने देश में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर कहा कि वर्तमान हालात को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तानी कलाकारों पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
स्वरूप ने पाकिस्तान द्वारा भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यूपर्ण है और मुझे लगता है कि यह आत्मविश्वास की कमी को प्रदर्शित करता है।