पेशावर। पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर सीमांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर के एक आर्मी स्कूल में हुए हमले के बाद छात्रों को बचाने के लिए पाकिस्तानी सेना का अभियान तालिबानी आतंकवादियों के साथ नौ घंटे के संघर्ष के बाद समाप्त हो गया। इस हमले में 132 बच्चों समेत 141 मारे गए हैं और 245 अन्य घायल हुए हैं। हमले में सभी सात आतंकवादी भी मारे गए है।
सेना के प्रवक्ता असीम बजावल ने बताया कि स्कूल में सात आतंकवादी घुसे थे और उन्होंने घुसते ही मासूम बच्चों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। आतंकवादियों का मकसद बच्चों को बंधक बनाना नहीं था। उन्होंने बताया कि 15 मिनट के अन्दर ही सुरक्षा बल मौके पर पहुंच गए थे। बजावल ने बताया कि स्कूल में 1100 बच्चे थे।
इस हमले में आतंकवादियों ने 132 बच्चों और स्कूल के नौ कर्मचारियों की हत्या कर दी जबकि 960 लोगों को बचा लिया गया। सेना का अभियान अब समाप्त हो गया है और इस अभियान में सभी आतंकवादी मारे गए हैं। स्कूल को अब प्रशासन के हवाले कर दिया गया है।
बजावल ने बताया कि इस घटना में सेना के दो जवान भी जख्मी हुए हैं। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों का मकसद ज्यादा से ज्यादा नुकसान करना था। उन्होंने कहा हम इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हम संवदेना व्यकत करते हैं। कोई भी नहीं सोच सकता था कि आतंकवादी बच्चों को निशाना बनाएंगे। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक के इस सबसे बडे आतंकवादी हमले से समूचा विश्व हतप्रभ रह गया है। पाकिस्तान सरकार ने इस घटना पर तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इसे राष्ट्रीय त्रासदी करार दिया है।
अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर तालिबानी आतंकवादियों के हमले में 132 बच्चों सहित 141 लोगों के मारे जाने की कठोर निंदा की है। अमरीकी राष्ट्रपति मुख्यालय व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार ओबामा ने कहा कि अमरीका पाकिस्तान के पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए इस भयावह हमले की कठोरतम शब्दों में निंदा करता है। उन्होंने कहा कि हमारी संवेदनाएं पीडिताें, उनके परिजनों एवं बन्धु बांधवों से हैं। इस घृणित हमले में टीचरों एवं बच्चों को निशाना बना कर आतंकवादियों ने एक बार पुन: अपनी नीचता का परिचय दिया है।
ओबामा ने कहा कि हम पाकिस्तान की जनता के साथ है और आतंकवाद एवं चरमपंथ से निपटने तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को अमरीका के समर्थन का संकल्प दोहराते हैं। इस घटना को वैश्विक आतंकवाद की जघन्यतम घटनाओं में से एक माना जा रहा है। अमरीका, फ्रांस, जर्मनी, चीन, भारत, जापान आदि विश्व के अधिकतर देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। मुखर्जी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए विश्व के देशों से इस समस्या के खिलाफ एकजुट होने की होने की अपील की है। मुखर्जी ने कहा कि इस तरह की जघन्य घटनाएं मानवता के सिद्धांत के खिलाफ हैं। यह कुछ और नहीं, बल्कि आतंकवादियों की इस मनोदशा को दर्शाता है कि वे किस हद तक जा सकते हैं।
मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मैं पेशावर के स्कूल में आतंकवादियों के कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह एक ऎसी क्रूरतापूर्ण वहशी कार्रवाई है जिसका बयान नहीं किया जा सकता है। इस हमले ने अधिकतर मासूम लोगों तथा स्कूलों में बच्चों की जानें ले ली हैं। आज हमले में जिन लोगों ने अपने प्रिय बच्चों की जानें गंवाई हैं, मैं उन्हें अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करता हूं। हम दुख की घड़ी में उनके साथ हैं और अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।