बैंकॉक। थाईलैंड के महाराजा भूमिबोल का गुरुवार को राजधानी बैंकॉक के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराजा भूमिबोल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वह और भारत की जनता सम्राट भूमिबोल, जो विश्व के महान नेताओं में से एक थे, के निधन पर थाईलैंड के लोगों के साथ उनके दुःख में शामिल हैं।
महाराजा भूमिबोल विश्व के सबसे लंबी आयु के महाराजा थे और कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। बैंकॉक के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वर्ष 1946 में सिंहासन संभालने के बाद उन्होंने सात दशकों तक थाईलैंड पर राज किया।
उन्हें थाईलैंड में वर्षों की राजनीतिक उथल-पुथल और तीव्र गति के विकास के बीच स्थिरता का स्तंभ माना जाता था।
महाराजा के पैलेस ने उनके निधन की घोषणा की पर उनकी मृत्यु का कारण नहीं बताया। वह पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ थे। उनके 63 वर्षीय पुत्र राजकुमार महा वजीरालोंगकोर्न के सम्राट बनने की सम्भावना जताई जा रही है।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुथ चान-ओचा ने सम्राट के निधन के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सिंहासन के लिए वारिस का चुनाव 1972 में ही हो गया था। उन्होंने उसका नाम बताए बिना कहा कि वह देश की संसद को इसके बारे में सूचना देंगे।