ठाणे। मुंबई से सटे ठाणे जिला के कलवा में एक सरकारी अस्पताल ने रूपए नहीं भर पाने के कारण गरीब प्रेगनेंट महिला को वापस भेज दिया और महिला ने रास्ते में एक लड़के को जन्म दिया लेकिन बच्चे की मृत्यु हो गई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि सरकारी अस्पताल में उससे 800 रूपए गर्भवती महिला को भर्ती कराने के लिए मांगे गए थे। गर्भवती महिला शारदा का पति गंगाराम दोढे जालना से कल्याण मजदूरी के लिए आ रहे थे कि रास्ते में किसी ने उनके बैग को चुरा लिया जिसके कारण उनके पास रूपए नहीं थे।
महिला को जब पेट में दर्द हुआ तब उसके पित ने उसे इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गया लेकिन वहां उससे भर्ती करने के लिए रूपए मांगे गए और इन लोगों के पास रूपए थे नहीं जिसके कारण इन्हें अस्पताल से वापस आना पड़ा और रास्ते में महिला ने आठ माह के बच्चे को जन्म दिया।
महिला की परेशानी देख कर एक आटोचालक ने उन लोगों को मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया और रात भर दंपती अपने नवजात शिशु के साथ रेलवे स्टेशन पर रहा सुबह बच्चा जब कोई भी प्रतिक्रिया करना बंद कर दिया तो वापस अस्पताल गए लेकिन डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
पीडित परिवार ने बच्चे को अस्पताल में रख दिया और उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। दंपती ने अस्पताल पर आरोप लगाया है कि गरीबी के कारण उसे अस्पताल से वापस भेज दिया गया। अस्पताल के कर्मचारियों ने दंपती के इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि दंपती ने सलाह नहीं माना और वापस चले गए। अस्पताल ने जांच के आदेश दे दिए हैं।