जयपुर। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने मंगलवार को जयपुर में एक कार्यक्रम में गुर्जरों के आरक्षण को लेकर राज्य सरकार के दावे के विपरीत बयान दिया, हालांकि बाद में इस बयान से पलट भी गए।
दिव्यांगों के लिए मंगलवार को जयपुर में आयोजित सुगम्य भारत अभियान पर आयोजित कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों ने केंद्रीय मंत्री गहलोत से गुर्जर आरक्षण का प्रस्ताव संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के प्रस्ताव के बारे में पूछा तो गहलोत ने जवाब दिया कि इस तरह का कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं मिला है। ऐसे में इस तरह का की मामला केंद्र के पास विचाराधीन नहीं है।
मीडिया से बातचीत ख़त्म होने के कुछ ही मिनिट बाद गहलोत फिर लौटे और अपने दिए बयान पर पलटते हुए बोले कि गुर्जर समेत अन्य जातियों को 9वीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव विधि विभाग के पास विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि ज़रुरत पड़ी तो इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा।
उधर, प्रदेश के सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग मंत्री डॉ.अरुण चतुर्वेदी ने गहलोत की ओर से दी गई प्रतिक्रिया देने से पहले मीडियाकर्मियों से कहा था कि सरकार ने गुर्जरों को नवीं सूची में शामिल करने को लेकर केंद्र को प्रस्ताव भेज रखा है।