नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच वर्ष 2016 में हरित ऊर्जा की तरफ विशेष ध्यान रहा। सरकार ने 2022 तक 175,000 मेगावॉट हरित ऊर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है। नए वर्ष में इस दिशा में गतिविधियां और तेज होने की उम्मीद है।
हरित ऊर्जा यानी सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा के क्षेत्र में तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने छतों पर लगने वाले सौर ऊर्जा संयंत्रों से 1,000 मेगावाट ऊर्जा के लिए नीलामी करने और सोलर पार्कों के लिए 13,000 करोड़ रुपये निवेश करने के साथ-साथ सौर पैनलों के स्थानीय स्तर पर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 21,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया है।
बहरहाल, वर्ष 2016 हरित ऊर्जा के क्षेत्र में काफी महत्त्वपूर्ण वर्ष रहा है। इस साल सौर ऊर्जा की दरें चार रुपये प्रति यूनिट तक नीचे आ गई। दूसरी तरफ इस दौरान पवन ऊर्जा परियोजनाओं को भी काफी बढ़ावा मिला। सरकार ने वर्ष 2022 तक भारत को हरित ऊर्जा परियोजनाओं का बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में नए साल के लिए पूरी तैयारी की है।
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत पर लगने वाली सौर परियोजना को बढ़ावा दिया जाएगा। घरेलू स्तर पर सौर पैनलों के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और परियोजना स्थल की नीलामी कर पवन ऊर्जा को नीलामी के जरिये वहनीय बनाया जाएगा। ये सभी कदम 2017 में उठाए जाएंगे।