नई दिल्ली। आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए हैं जिसमें 10 रुपए के नोट पर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर ग़ायब है। हालांकि इस नोट पर अशोक स्तम्भ छपा हुआ है।
यह नोट कुरनूल के एक व्यापारी वेंकटेश्वर राव ने सामने लाया है। राव के मुताबिक उन्हें यह नोट प्रदर्शनी के दौरान एक दुकानदार ने दिया है। यह नोट लेकर वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी को दिखाया तो उन्होंने नोट को असली बताया। साथ ही कई अन्य बैंकों के अधिकारी भी इस नोट को असली बता रहे हैं।
बैंक अधिकारियों के मुताबिक नोट छपते वक्त कई बार कागज मशीन से खिसक जाता है, इसकी वजह से सीरियल नंबर और गांधीजी की तस्वीर इधर-उधर हो जाती है। जांच के दौरान ऐसे नोटों की गड्डी अलग से बनाई जाती है। यह तकनीकी गड़बड़ी है।
वहीं विजयवाड़ा और हैदराबाद के बैंक अधिकारी इस तरह का नोट मिलने से साफ़ इनकार किया है।
गौरतलब है कि पांच रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक के हर नोट पर एक तरफ राष्ट्रीय चिह्न और दूसरी तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर छपी होती है। आरबीआई ने वर्ष 1996 से करेंसी नोट्स पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापनी शुरू की थी।
आरबीआई ने पहली बार 10 रुपए का नोट वर्ष 1996 में, 100 रुपए का नोट जून 1996 में, 500 रुपए का नोट अक्टूबर 1997 में और 1000 रुपए का नोट नवंबर 2000 में, पांच रुपए का नोट 2001 में और 20 रुपए का नोट 2001 में छापा गया था। इन सीरीज के सभी नोटों पर गांधी की तस्वीरों को छापा गया था।
दस रुपये के नोट पर से गांधीजी की तस्वीर ग़ायब होना कई सवाल खड़ा करता है । सवाल है कि क्या भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी नोटों की जांच पर माकूल ध्यान नहीं दिया जाता है या जांच अधिकारी केवल खानापूर्ति करते हैं । जिस नोट को लेकर कुरनूल के व्यापारी सामने आया है, क्या वह डुप्लीकेट नोट है या असली है । अगर नोट डुप्लीकेट है तो कुछ बैंक अधिकारी उसे सही क्यों बता रहे हैं ।