एक हालिया शोध ने संकेत दिया है कि लगभग 40 प्रतिशत कैंसर मौतों को जीवनशैली में आसान बदलावों से रोका जा सकता है। इस रोग के अधिक जोखिम वाले कारकों के आठ समूहों में तंबाकू का धुआं, अनुचित आहार, शराब, अधिक वजन या मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, पराबैंगनी (यूवी) किरणें, संक्रमण और हार्मोन संबंधी कारक शामिल हैं। यह भी बताया गया है कि कैंसर हमेशा आनुवंशिक नहीं होता है, लेकिन अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण यह रोग लग सकता है। धूम्रपान और तंबाकू चबाने से कैंसर अधिक होता है। अकेले तंबाकू ही हर साल 12 लाख लोगों की मृत्यु का कारण बनती है। तंबाकू की खपत कम करके फेफड़े, मुंह सहित 13 विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोका जा सकता है। शराब के अधिक सेवन से मुंह, फेरिंक्स, लेरिंक्स, ईसोफेगस, आंत, लिवर और स्तन कैंसर हो सकता है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, “कैंसर कई रोगों का एक समूह है। कैंसर शरीर के सभी जीवित कोशिकाओं में हो सकता है और विभिन्न कैंसर के विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक इतिहास हैं। हालांकि, कुछ दुर्लभ कैंसर आनुवांशिक उत्परिवर्तनों से प्रेरित हो सकते हैं। सबसे अधिक प्रचलित बीमारियां पर्यावरणीय और जीवनशैली के कारकों के कारण होती हैं।”
डॉ. अग्रवाल ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि यदि प्रारंभिक चरण में पता लग जाए और इलाज शुरू कर दिया जाए तो उस पर कम लागत आती है। अगर लोग स्क्रीनिंग के लिए रिपोर्ट करते हैं तो इलाज में आसानी होती है। दुर्भाग्य से, लगभग दो-तिहाई कैंसर मामलों का लास्ट स्टेज में ही इलाज होता है। ऐसे मरीजों को बचाना मुश्किल हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि 100 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के कैंसर हैं। कैंसर के उपचार के विकल्प में कीमोथेरेपी, विकिरण चिकित्सा और सर्जरी शामिल हो सकती है। हालांकि, जीवनशैली में परिवर्तन करके इस हालत को काबू में किया जा सकता है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया, “कैंसर को समाप्त करने के लिए रोकथाम और जागरूकता महत्वपूर्ण उपाय है। कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करने के लिए जीवन में और हमारे चारों ओर बहुत सारे विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि जीवनशैली में कुछ बुनियादी परिवर्तनों से शुरुआत करनी चाहिए।”
यहां जीवनशैली में बदलाव के कुछ उपाय –
* शरीर का वजन कम ही रखें।
* सुनिश्चित करें कि प्रत्येक दिन लगभग 30 मिनट के लिए शारीरिक गतिविधि करें।
* मीठे से बचें और उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थो की खपत को सीमित करें।
* सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियां अधिक खाएं।
* शराब का सेवन सीमित करें।
* नमक (सोडियम) का सेवन कम से कम करें।