सबगुरु न्यूज- सिरोही। घुटने पर ढंग से नहीं चल पाने पर 400गुणा 400 की रीले रेस में दौडने का अंजाम क्या होता है यह भी सिरोही के एक नवांकुरित नेता की विफलता से जान लीजिए। नेता जी अपनी मोटरसाइकिल संभाल नहीं पाए और अपना नाम करने के लिए भागते हुए हवाई जहाज को पकडने चल पडे। फिर होना क्या था, गिरे धडाम से।
मामला नेताजी के ही क्षेत्र का है। एक मौत हो गई थी। लोगों में आक्रोश था। विपक्ष के नेता पहले ही पहुंच गए। मोटरसाइकिल गंवा चुके नेताजी अपने गांव में मस्त थे। उन्हें सूचना मिली कि भाई उनके क्षेत्र में राजनीति चमकाने वाला मामला हुआ है।
नेताजी निकल पडे उस ओर, लेकिन वहां विपक्ष के नेता पहले ही मामले पर चर्चा करके जा चुके थे। अब पार्टी के मित्रों का फोन आ गया था और चने के झाड पर चढे नेताजी वहां पर पहुंच भी गए थे।
मोटरसाइकिल नहीं थी तो उन्होंने सोचा कि इसी हवाई जहाज पर लटक लेवें, फिर मोटरसाइकिल की खुन्नस पुलिस से निकालने का इससे अच्छा मौका भी नहीं था, तो नेता जी ने फिर मजमा इकट्ठा किया और अपनी सरकार व प्रशासन के खिलाफ मोर्चा लगा लिए।
मोटरसाइकिल विहिन अनुभवहीन नेता को इसके अंजाम का पता नहीं था। कुछ देर मजमा इकट्ठा रखा, पुलिस वालों ने भी तवज्जो नहीं दी। कुछ देर में किसी ने जब नेता जी को फुसफुसाया कि वो अपनी ही पार्टी और प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश में हैं और हाकिमों ने भी क्लास लगानी शुरू की तो नेता को अपनी गलती पता चली।
पुलिस ने उनकी न मोटरसाइकिल उठाने पर सुनी और न ही धरने पर बैठने पर। वो दिन और आज का दिन। हालात यह रहे कि उनके धरना देने के बाद आज तक इस मामले की तह तक पुलिस नहीं पहुंच पाई।