सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा हो या कांग्रेस कौनसा अधिकारी सत्ताधारी पार्टी का चहेता और कौनसा आंख की किरकिरी होगा, इसका पता सिरोही में भाजपा कार्यालय के लिए पीडब्लयूडी की बेशकीमती भूमि के आवंटन के लिए दो कलक्टरों की ओर से की गई कार्रवाई से ही पता चलता है।
इस बेशकीमती भूमि को मुख्यमंत्री वसुध्ंारा राजे ने सिरोही प्रवास के दौरान नगर परिषद को हस्तांतरित करने के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के आदेश को सिर आंखों पर बैठाकर पूर्व जिला कलक्टर लक्ष्मीनारायण मीणा ने तो पीडब्ल्यूडी को इस भूमि से अपना अधिकार छोडने का पत्र तक जारी कर दिया।वहीं उनके बाद आए कलक्टर ने कांग्रेस की ओर से कानून सम्मत मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार से ही मार्गदर्शन मांग लिया। अब भाजपा के स्थानीय नेताओं की नजर में यह जिला कलक्टर आंखों की किरकिरी बने हुए हैं।
सबगुरु न्यूज के पास वर्तमान जिला कलक्टर की ओर से राजस्व विभाग के शासन सचिव को लिखे पत्र की प्रतिलिपि लगी है। वर्तमान जिला कलक्टर भले ही बाबूओं को अपने कार्यालय के दस्तावेजों पर कुंडली मारकर बैठने के निर्देश दे चुके हों, लेकिन उनका यह पत्र अब राजनीतिक पाटियों के कार्यकर्ताओं की जेब का हिस्सा बन गया है।
वैसे जिस बैठक में प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड जिला कलक्टर पर इस जमीन को हस्तांतरित करने के लिए बरस रहे थे, उस बैठक में भी कलक्टर ने इस तरह का पत्र लिखने का जिक्र किया था, इसके बाद से यह पत्र बाहर आ गया।
-क्या है खत की ताबीर
वर्तमान जिला कलक्टर अभिमन्युकुमार ने नगर परिषद सिरोही क्षेत्र में स्थित पीडब्ल्यूडी विभाग की जमीन को भाजपा कार्यालय बनाने के लिए नगर परिषद को हस्तांतरित करने को लेकर स्वयं राज्य सरकार से ही मार्गदर्शन मांग लिया है। शासन सचिव को 19 जनवरी, 2017 को लिखे अपने पत्र में कलक्टर ने बताया कि खसरा संख्या 2709 की पीडब्ल्यूडी की गुण नियंत्रण कार्यालय की प्रयोगशाला के लिए प्रस्तावित 0.2800 हैक्टेयर भूमि जिस क्षेत्र में है वो क्षेत्र सिरोही के मास्टर प्लान 2011 और 2031 में क्रमशः सरकारी व अर्द्धशासकीय कार्यालय और आवासीय व राजकीय कार्यालयों के लिए आरक्षित किया गया है।
ऐसे में जिला कलक्टर ने गुलाब कोठारी की रिट पर 12 जनवरी 2017 को आए राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय के संदर्भ में अग्रिम कार्रवाई के लिा मार्गदर्शन मांगा है।
-पूर्व विधायक के विरोध का भी दिया हवाला
जिला कलक्टर की ओर से लिखे गए इस पत्र में पूरी तरह से सावधानी बरती गई। जिला कलक्टर कार्यालय समेत अन्य सरकारी कार्यालयों को भाजपा कार्यालय की तरह इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के कारण नए प्रशासनिक अधिकारियों से स्थानीय भाजपा नेता पहले से ही खफा थे।
ऐसे में संभवतः भाजपा नेताओं द्वारा भाजपा के कार्यों को अटकाने के आरोप से बचने के लिए इस पत्र में पूर्व विधायक संयम लोढा के पत्र का भी हवाला दे दिया। लोढा के पत्र का हवाला देते हुए कलक्टर ने लिखा कि उन्होंने भाजपा को सस्ते दामों में भूमि आवंटन का विरोध जताया है।
इस भूमि को पचास करोड रुपये का बताते हुए राजनीतिक दवाब में इस भूमि केा पीडब्ल्यूडी के 56 साल के कब्जे को छुडवाने का समाचार भी पूर्व विधायक ने समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया है।
-न्यायालय में ढाल बन सकता है यह पत्र
जिला कलक्टर ने एक तरह से इस पत्र के माध्यम इस प्रकरण में राजनीतिक दबाव में भूमि आवंटित करने की मजबूरी की स्थिति में बनने पर कोर्ट मैटर होने पर स्वयं के लिए एक बचाव का रास्ता निकाल लिया है। उन्होंने इस पत्र में जहां न्यायालय और राज्य सरकार के पूर्व के पत्रों का हवाला देते हुए इस भूमि को राजकीय कार्यालय और आवासीय प्रयोजनार्थ सुरक्षित रखने की राय दी है।
वहीं नगर परिषद के द्वारा किसी राजनीतिक दल को यह भूमि देने के संदर्भ में 11 मई 2016 के पत्र और 8 दिसम्बर, 2010 की अधिसूचना के प्रकाश में विधि अनुसार कार्यवाही का मार्गदर्शन भी मांग लिया है। अब यदि राज्य सरकार इस भूमि को देने के लिए पत्र लिखती है जो अधिकारी यह पत्र लिखेगा उसकी स्थिति भी पूर्व विधायक संयम लोढा के न्यायालय में जाने की सूरत में वैसी ही हो जाएगी जैसी राजनीतिक दबाव में काम करने पर हाल ही में जालोर के एडीएम प्रहलाद सहाय नागा की हुई है।
ये भी पढे…
https://www.sabguru.com/lodha-creats-another-hurdel-for-bjp/
https://www.sabguru.com/congress-will-go-to-court-if-land-alloted-on-dlc/
https://www.sabguru.com/highcourt-order-creats-hurdel-for-land-of-bjp-office/
https://www.sabguru.com/lodha-say-no-objection-if-bjp-purchase-land-in-auction/
https://www.sabguru.com/bjp-office-bearer-chants-for-land-for-bjp-office-again/
https://www.sabguru.com/lodha-say-no-objection-if-bjp-purchase-land-in-auction/