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Kartik Mass ka mahtava
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कार्तिक मास का विशेष महत्व, कौनसे दिन होंगे खास

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कार्तिक मास का विशेष महत्व, कौनसे दिन होंगे खास
The Significance of the Kartik Month
The Significance of the Kartik Month
The Significance of the Kartik Month

सबगुरु न्यूज। भारतीय धर्म ओर संस्कृति में कार्तिक मास का विशेष महत्व माना गया है। इस मास में दीपदान जप तप ध्यान तथा ब्रहम मुहूर्त में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस माह में समस्त अलौकिक देवीय शक्तियां जाग्रत हो जाती है। उन्हें देव प्रबोधन के नाम से जाना जाता है। कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी जी जागती है अतः उनके सम्मान में सर्वत्र दीपदान किया जाता है।

पुराणों की मान्यता के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से लक्ष्मी जी का प्रादुर्भाव हुआ था। अतः उनके प्रकट होने के कारण देव, ऋषियों ने उनकी महिमा गाई तथा पूजन किया, तभी से दीपावली मनायी जाने लगी। मान्यताएं जो भी हों दीपावली को सामाजिक आर्थिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है

यम पंचक दिनांकः 17 से 20 अक्टूबर

कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तक के पांच दिनों को यम पंचक के नाम से जाना जाता है। इन दिनों विशेष रूप से दीपदान व पूजा का महत्व है।
धन तेरस, रूपचतुर्दशी दीपावली गोवर्धन पूजा तथा यम द्वितीया ये पांचों यम पंचक के नाम से जाने जाते हैं।

धन तेरस

कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी को समुद्र मंथन मे धनवंतरि प्रकट हुए। उनके हाथ में अमृत कलश था जो संसार की समस्त औषधियों से भरा था। इसलिए आरोग्य के देवता धनवंतरि का पर्व धन तेरस माना जाता है

इस दिन दीप दान करने से अल्प मृत्यु भय नहीं रहता है। संध्या के समय दक्षिण दिशा में मुंह करके दीप दान करना तथा गन्धादि से पूजा करनी चाहिए। अपनी-अपनी मान्यता के अनुसार इस दिन लोग चांदी के बरतन सिक्के खरीदना शुभ मानते हैं।

रूप चतुर्दशी

कार्तिक कृष्णा चतुर्दशी को रूपचतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन यमराज को प्रसन्न करने का पर्व है।

इस दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल लगा स्नान करनें का महत्व है। ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन लक्ष्मी जी यमुना के जल व तेल में निवास करती है। स्नान के बाद शुद्ध वस्त्र पहन तिलक लगा कर दक्षिण में मुख करके तिल के तेल के तीन दीपक जला अंजलि यमराज के निमित्त देनी चाहिए। कई राज्यो में इस दिन को हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है। इस दिन सभी देवताओं के दीप दान कर हनुमान जी के सिन्दूर व तेल का चोला चढाना चाहिए।

दीपावली

कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी जी की कृपा होती है। इस दिन स्नान के बाद देवताओं व पितरों के निमित्त तर्पण कर कर भोग अर्पण करना चाहिए। ब्रह्म पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या को सर्वत्र भ्रमण करती है, अतः प्रदोष काल में या अर्ध रात्रि के समय या दोनों समय पर लक्ष्मी जी के निमित्त दीपदान करना चाहिए। गन्ना व गन्ने के रस से पकवान बना लक्ष्मी जी के भोग अर्पण करना चाहिए तथा रात भर दीपक जलाना हितकारी माना गया है।

गोवर्धन पूजा

कार्तिक शुक्ला प्रतिपदा को प्रातः काल में गोवर्धन पूजा की जाती है तथा शारदीय उपज से जो धान्य प्राप्त होते हैं उनका अन्न कूट बना भगवान के भोग अर्पण करना चाहिए तथा प्रसाद लेना चाहिए।

यम द्वितीया

कार्तिक शुक्ला द्वितीया को यमराज का पूजन किया जाता है। यमुना जी ने इस दिन अपने भाई यमराज को अपने घर भोजन के लिए बुलाया था, अतः इसे भाई दूज के नाम से भी माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई के तिलक लगा भोजन कराती है। बहन न हो तो गुरू पुत्री से पूजन संस्कार कराना चाहिए।

करवा चौथ 8 अक्टूबर 2017

इससे पूर्व कार्तिक मास की कृष्णा चतुर्थी को महिलाओं का करवा चौथ पर्व आता है। अपने पति की दीर्घ आयु व सुखी जीवन के लिए चांद की पूजा करती है।

कार्तिक शुक्ला एकादशी को देव उठनी ग्यारस व साथ ही पांच दिन तक भीष्म पंचक के नाम से मनाए जाते हैं तथा कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मना तीर्थ सरोवर तालाब आदि पर दीपदान किया जाता है। धार्मिक आस्था व उपासना का यह मास विशेष कर जप तप ओर दीपदान के लिए महत्व का माना जाता है।

सौजन्य : भंवरलाल