भारत में रंगोली रंगोली हर त्योहार तथा शुभ काम के मौके पर बनाई जाती हैं। आखिर रंगोली या मांडना बनाने के पीछे राज क्या है, इससे जुड़ी मान्यताएं क्या है यह बहुत से पता भी नहीं है। हां, लोगों को रंगोली का पैटर्न अच्छा लगता है। तो हम आप को आज बताते हैं कि क्यों रंगोली बनाई जाती हैं।
हिन्दू घरों में घर के सामने रंगोली बनाना आम बात है। यहाँ तक कि मेरी पारसी आंटी भी प्रतिदिन ऐसा करती है। रंगोली का डिज़ाइन क्षेत्र के अनुसार बदलता जाता है। यह न केवल सुंदर दिखती है बल्कि इसे शुभ भी माना जाता है। हालाँकि बहुत से लोगों को रंगोली का पैटर्न अच्छा लगता है परन्तु बहुत से लोग यह नहीं जानते कि रंगोली क्यों बनाई जाती है।
रंगोली बनाने के पीछे क्या कारण है:-
आप एक आइलैंड नहीं हैं। आपके आसपास की प्रत्येक चीज़ आपकी भावनात्मक स्थिति को प्रभावित करती है। आपकी पाँचों इन्द्रियों द्वारा आपके आसपास से उर्जा अवशोषित की जाती है। आपके आसपास की आवाज़, दृश्य, गंध और अतिसूक्ष्म उर्जा आपके शरीर और भावनाओं पर प्रभाव डालती है।
दाहरण के लिए जब आप ॐ मन्त्र का उच्चारण करते हैं तो यह आपके आसपास पवित्र संगीतमय कम्पन उत्पन्न करता है। यह आपको आराम देता है। पश्चिमी वैज्ञानिकों ने ॐ से निकलने वाली ध्वनि का अवलोकन रेत पर किया।
उन्होंने पाया कि ॐ मन्त्र के उच्चारण से रेत पर बहुत सुरीला पैटर्न बना। जबकि जब आप चिल्लाते हैं या गुस्सा करते हैं तब रेत पर बहुत ही गंदे पैटर्न बनते हैं। उसी प्रकार जब आप सुंदर पेंटिंग या सुंदर व्यक्ति को देखते हैं तब आप अंदर से अच्छा महसूस करते हैं। जब आप बदसूरत चेहरे को देखते हैं तो आपको अंदर से अच्छा महसूस नहीं होता।
सुंदर स्थान या दृश्य या सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य देखने पर आप अन्दर से शांति और सुकून महसूस करते हैं। यही कारण है कि हिन्दू धर्म में शुभ वस्तुओं को देखना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इससे आप सकारात्मकता महसूस करते हैं। जहाँ तक सुन्दरता की बात है, व्यक्ति को अंदर से सुंदर होना चाहिए।
आपको बुरा नहीं सोचना चाहिए, बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए और किसी के बारे में कुछ बुरा महसूस नहीं करना चाहिए। यद्यपि बाहरी सुन्दरता आपके हाथ में नहीं है परन्तु प्रत्येक व्यक्ति को बाहरी तौर पर साफ़ और स्वच्छ रहना चाहिए क्योंकि जो लोग आपको देखते हैं उन पर आप कैसे दिखते हैं, इस बात का बहुत प्रभाव पड़ता है। जब आप स्वयं को दर्पण में देखते हैं तब भी इस बात का बहुत प्रभाव पड़ता है।
- जब कोई महिला प्रतिदिन या त्योहारों के समय रंगोली बनाती है तो इससे उसे एक आत्मिक शांति मिलती है। उन्हें अन्दर से शांति महसूस होती है।
2. ऐसा इसलिए क्योंकि रंगोली के अधिकाँश डिज़ाइन बहुत लयबद्ध होते हैं। ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं। हमारे पूर्वजों ने रंगोली के इन पवित्र डिज़ाइनों की खोज की थी। इसके अलावा, जो भी व्यक्ति घर में प्रवेश करता है उसे भी रंगोली के सुंदर और पवित्र डिज़ाइन देखकर अच्छा महसूस होता है। समय के साथ जब आप अपने घर में कई बार प्रवेश करते हैं तो रंगोली के ये पैटर्न आपके मन को बड़ा बना देते हैं। धीरे धीरे समय के साथ साथ यह आपको और अधिक शांत और पवित्र बना देते हैं।
3. रंगोली बनाना आपके अन्दर शांति लाने का एक प्रयास है। यह आपके मूड को बदलने का और मन की शांति पाने का एक अवसर होता है। परन्तु रंगोली पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आपका संवेदनशील होना बहुत आवश्यक है। आजकल के भागदौड़ भरे जीवन में हम इस प्रकार की सूक्ष्म चीज़ों जैसे रंगोली को भूल जाते हैं।
4. अत: बहुत सारे लोग जो अपने विचारों में व्यस्त हैं उन्हें रंगोली के डिज़ाइन से कोई फर्क नहीं पड़ता। परन्तु वे लोग जिन्हें सुंदरता पसंद है या जो कला प्रेमी हैं उनके लिए रंगोली के डिज़ाइन बहुत सुंदर अनुभव होते हैं। इससे वे अपने अंदर शांति महसूस करते हैं। अत: यह व्यक्ति पर निर्भर करता है।
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