आज तक आपने ऐसे ही शहर देखे होंगे, जहां उनकी अपनी एक सरकार होती है और उनकी अपनी एक भाषा और संस्कृति होती है. किसी शहर शहर में घूमने इसलिए जाते हैं ताकि आप उनकी रहन-सहन खानपान के बारे में जान सकें. लेकिन आज हम आपको भारत के एक ऐसे खूबसूरत शहर के बारे में बताएंगे, जहां न तो कोई धर्म है और न ही कोई सरकार है. जहां न किसी का शासन है और न ही कोई धर्म.
इन खूबसूरत जगहों के पीछे छिपे हैं कई राज
दक्षिण भारत में बसा ऑरोविल शहर बहुत ही खूबसूरत है. इस खूबसूरत शहर में कोई सरकार नहीं है। इस शहर में बिना किसी धर्म के लोग मिलजुल कर रहते हैं. सिटी ऑफ डॉन या भोर के शहर या उषा नगरी के नाम से जाना जाने वाला यह शहर 1968 में अस्तित्व में आया था.
चेन्नई से केवल 150 किमी की दूरी पर स्थित इस शहर को वास्तुकार रोजर ऐंगर ने बनाया था. तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले में स्थित है. इस शहर में सभी लोग सेवक की तरह रहते हैं.
कहीं भी ट्रैवलिंग पर जाएं तो इन्हें साथ ले जाना न भूलें
इस शहर में करीब 24,000 लोग रहते हैं. इस खूबसूरत शहर में आप ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की झलक भी देख सकते हैं. इस बिना धर्म और सरकार वाले शहर में लगभग 50 देश के लोग एक साथ रहते हैं. यह जंगलों के बीच में बसा हुआ है.
शहर के बीचो-बीच बने इस मातृ मंदिर को देखने के लिए और योगा करने के लिए सैलानी दूर-दूर से आते हैं. जंगल के बीच में बने इस शहर के चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है
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