मुंबई। अभिनेत्री अनुष्का शर्मा का मानना है कि रचनात्मकता पर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। अनुष्का ने यह बयान कई फिल्मों को लेकर फिल्म निर्माताओं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सीबीएफसी के बीच के विवाद की पृष्ठभूमि में दिया।
अनुष्का ने यहां एक साक्षात्कार में कहा कि मेरा मानना है कि सेंसरशिप नहीं बल्कि सिर्फ प्रमाणीकरण होना चाहिए और इस तरीके से समस्या का समाधान हो सकता है। लोग बहुत बुद्धिमान हैं। वे व्यस्क इसलिए कहलाते है क्योंकि वे जानते हैं कि क्या सही और क्या गलत है। यह नहीं सोचें कि वे वयस्क व्यक्ति मूर्ख है…वे बच्चे नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि रचनात्मकता विचारों की अभिव्यक्ति है। अगर आप किसी को कुछ बताना चाहते हैं तो यह मत सोचिए कि इस तरह से बताना चाहिए या उस तरह से, नहीं तो आप कुछ बड़ा और महत्वपूर्ण नहीं कर पाएंगे। आपको स्वतंत्रता देनी होगी।
28 वर्षीय अभिनेत्री को भी उनके होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म ‘एनएच 10Ó को लेकर सीबीएफसी के साथ कुछ इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था।