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उदयपुर में जगन्नाथरायजी की 350 साल पुरानी प्रतिमा चोरी - Sabguru News
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उदयपुर में जगन्नाथरायजी की 350 साल पुरानी प्रतिमा चोरी

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उदयपुर में जगन्नाथरायजी की 350 साल पुरानी प्रतिमा चोरी
thieves ransack lord Jagannath Rai temples, 20 idols robbed in Udaipur
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उदयपुर। उदयपुर शहर के घंटाघर थाना और जगदीश चौक के बीच में स्थित स्वर्णकार समाज के जगन्नाथरायजी मंदिर का ताला तोडक़र अज्ञात चोर भगवान जगन्नाथरायजी की, ठकुराईनजी की अष्टधातु से बनी 350 वर्ष पुरानी मुख्य प्रतिमाओं के सहित चार प्रतिमाओं और लाखों रूपए के जेवर रात्रि को चोरी कर ले गए।

घटना के बाद समाज के लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया और पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपना गुस्सा जाहिर किया। सूचना पर मौके पर जिला पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे और समाज के लोगों को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार घंटाघर से जगदीश चौक के बीच में स्वर्णकार समाज का भगवान जगन्नाथराजी का मंदिर है। यह मंदिर करीब 350 वर्ष पुराना है और मंदिर में करीब 350 वर्ष पुरानी भगवान जगन्नाथरायजी, ठकुराईनजी, मंदिर परिसर में एक हनुमानजी और एक अन्य भगवान की प्रतिमा स्थापित है।

यह सारी प्रतिमाएं अष्टधातु से बनी है। भगवान के श्रृंगार के लिए इस मंदिर में जेवरात भी रखे हुए है जो भी काफी वर्षों पुराने और वर्तमान में इनकी किमत करीब 10 लाख रूपए आंकी जा रही है।

रविवार रात्रि का मंदिर का पुजारी रमेशचन्द्र वैष्णव रात्रि को पूजा करने के बाद मंदिर को बंद कर पुन: अपने घर पर चला गया था। रात्रि को अज्ञात चोरों ने मंदिर के बाहर लग रहे जाली वाले गेट का ताला काट दिय और अंदर घुस गए। इसके बाद चोरों ने मंदिर में जाने के लिए चैनल गेट पर लग रहे ताले को भी काट दिया और मुख्य मंदिर में घुस गए।

चोरों ने हिम्मत करते हुए निज मंदिर में घुसकर भगवान जगन्नाथराजय की अष्टधातु से बनी करीब 350 वर्ष पुरानी मुख्य प्रतिमा, साथ में मौजूद इतनी ही पुरानी अष्टधातु की ठकुराईनजी की प्रतिमा के साथ-साथ मंदिर परिसर में ही स्थापित हनुमानजी और एक ओर देवता की मूर्ति चोरी कर ली।

इसके साथ ही चोरों ने मंदिर में श्रृंगार के लिए रखे गए करीब 10 लाख रूपए के जेवर और मुख्य प्रतिमाओं के पास में एक डिब्बे में ही रखे थे, वह भी चोरी कर ले गए। चोरों ने जाते समय मंदिर का दरवाजा बंद कर दिया। सुबह करीब 6 बजे पुजारी की मां मंदिर में पूजा करने के लिए गई और वहां ताले टूटे देखे तो उसे शंका हुई।

इस पर उसने अंदर जाकर देखा तो मंदिर में से मूर्तियां गायब देखकर उसके होंश उड़ गए और उसने इस बारे में तत्काल पुजारी को सूचना दी। सूचना पर पुजारी आया और स्थिति को देखकर भागता हुए स्वर्णकार सेवा समिति के अध्यक्ष गोविन्दलाल के पास गया और इस स्थिति को बताया।

मंदिर से मुख्य प्रतिमाओं के साथ-साथ चार प्रतिमाएं और जेवरात चोरी की सूचना पर भागते हुए गोविन्दलाल मौके पर गया और इस बारे में समाज के अन्य लोगों को भी बताया।

सूचना पर स्वर्णकार समाज संस्था के अध्यक्ष घनश्याम सोनी, कोषाध्यक्ष विष्णु सोनी और महामंत्री अनुराधा सोनी भी मौके पर आए। मंदिर में से प्रमुख प्रतिमाओं की चोरी की जानकारी पर धीरे-धीरे करते हुए काफी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हो गए। लोगों ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी।

पुरा महत्व की प्राचीन मूर्तियों के चोरी होने की जानकारी पर मौके पर थानाधिकारी रविन्द्र चारण आए और मौका-मुआयना किया। इसके साथ ही उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। जिस पर डिप्टी के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल भी मौके पर आए।

अधिकारियों ने मौका-मुआयना किया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक गोयल ने थानाधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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