जयपुर। विज्ञान भारती का दो दिवसीय तृतीय राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन शुक्रवार से राजस्थान विश्वविद्यालय में शुरू हुआ।
सम्मेलन में धारणक्षम विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका विषय पर देश भर से आए वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ हिंदी में अपना शोध कार्य प्रस्तुत कर रहे हैं।
सम्मेलन में पर्यावरण, विज्ञान एवं तकनीकी, वैज्ञानिक विरासत, मूलभूत विज्ञान, प्रगत् प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लगभग 270 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
इन शोध पत्रों में जल प्रबंधन, ऊर्जा प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, खनिज संसाधन, सामुद्रिक संसाधन प्रबंधन, ग्रामीण विकास विज्ञान, वागवानी एवं वानिकी, पशु पालन, पशु चिकित्सा विज्ञान, वास्तु विज्ञान, वैदिक विज्ञान, आयुर्वेदिक एवं योग विज्ञान, पुरातत्व विज्ञान भौतिक विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, गणित, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, खगोल विज्ञान, भू विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, तथा नैनो प्रौद्योगिकी जैसे अत्याधुनिक विषयों पर हिंदी भाषा में शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे और हिंदी में ही विस्तृत चर्चा की जा रही है।
इस सम्मेलन में दो दिन तक देश भर के विज्ञान केंद्रो और संस्थानों से लगभग 200 निदेशक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी सदस्य अपने व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे और इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से आए विभिन्न युवा वैज्ञानिक, शोध छात्र एवं कंपनियां वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित अपनी नवाचारों, उन्नत खोजों, उत्पादों तथा परियोजनाओं का एक प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे हैं।