बालों में डैंड्रफ आम समस्या है। ज़्यादातर ये परेशानी सर्दियों होती हैं। डैंड्रफ दूर करने के लिए आर्गेनिक तेलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैविक (आर्गेनिक) तेलों की मदद से न सिर्फ डैंड्रफ की समस्या दूर हो सकती है|
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बल्कि आपके बाल भी स्वस्थ रहेंगे। नींबू का तेल, तुलसी का तेल और चाय के पौधे का तेल आपके सिर और बालों से जुड़ी सारी समस्याओं को दूर कर सकते हैं। ‘आर्गेनिक हार्वेस्ट’ कंपनी की रिसर्च एवं डिवेलपमेंट मैनेजर गरिमा सिंह ने बेहतर परिणाम पाने के लिए कुछ आवश्यक तेलों के इस्तेमाल से होने वाले फायदो के बारे में ये बातें बताई हैं।
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नींबू के गुणों से समृद्ध नींबू का तेल तैलीय स्कैल्प के लोगों के लिए उम्दा टॉनिक है। एंटीसेप्टिक व एंटी-माइक्रोबियल होने के कारण रूसी और अन्य इन्फेक्शंस दूर करने के साथ ही यह बालों को लंबे समय तक खुशबूदार बनाए रखता है। इस तेल को लगाने के बाद इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बाल धोकर ही धूप में निकलें, क्योंकि सिट्रस (खट्टा फल) धूप में प्रतिक्रिया करने के लिए जाने जाते हैं, ऐसे में आपके बालों को नुकसान पहुंच सकता है।
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तुलसी का तेल
सफेद फ्लैक्स को दूर करने के लिए तुलसी का तेल बेहतरीन औषधि है। रूसी दूर करने के अलावा यह बालों को कंडीशन कर मुलायम बनाने के साथ ही रक्त संचार सही कर बालों को स्वस्थ रखता है और बालों को घना व लंबा करता है। इसे कम से कम एक घंटे लगाएं। तुलसी के तेल में लैवेंडर या रोजमैरी का तेल मिलाकर भी लगाया जा सकता है, इससे बालों में चमक भी आएगी।
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क्लेरी सेज का तेल
क्लेरी सेज एक बूटी होती है। इसका तेल हर प्रकार के बालों के अनुकूल है। यह रूखे, तैलीय व घुंघराले सभी के लिए बहुत प्रभावी है। यह स्कैल्प में सेबम को नियंत्रित कर रूसी को दूर करने में सहायक है। इस तेल का इस्तेमाल करने से पहले बच्चों या गर्भवती महिलाओं को चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए। रूसी हटाने में बेहद प्रभावी माना जाता है, इसमें तीन छोटा चम्मच क्लेरी सेज तेल व इतनी मात्रा में ही मैंडरिन तेल और पांच बूंद नींबू का तेल मिलाकर लगाएं।
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चाय के पेड़ का तेल
इसमें एंटी फंगल और जीवाणुरोधी होता है। इससे यह स्कैल्प पर इंफेक्शन फैलना, यीस्ट बनना रोकता है। यह खोपड़ी में अच्छी तरह से अवशोषित हो जाता है, इसलिए इसे रूसी हटाने के लिए रात भर सिर में लगा छोड़ दें, अन्य तेलों की अपेक्षा यह हल्का भी होता है। हालांकि, संवेदनशील स्कैल्प में खुजली व जलन से बचने के लिए इस तेल में जोजोबा या जैतून का तेल मिलाकर लगाएं।