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सैलरी निगोशिएशन भी है एक कला, ऐसे बनिए माहिर - Sabguru News
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सैलरी निगोशिएशन भी है एक कला, ऐसे बनिए माहिर

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सैलरी निगोशिएशन भी है एक कला, ऐसे बनिए माहिर

अच्छी सैलरी, सिर्फ आपके अच्छे काम पर ही डिपेंड नहीं करती, अपितु मनचाही बढ़िया सैलरी पाने के लिए निगोशिएशन की कला में भी माहिर होना चाहिए। इन दिनों जॉब के हर सेक्टर में सैलरी निगोशिएशन बहुत जरुरी हो गया है। इससे जहां एक ओर केंडिडेट को उसकी मनचाही सैलरी मिलती है तो वहीं दूसरी ओर कंपनी भी केंडिडेट की अच्छे से जांच परख कर लेती है।

अब बात चाहें नई जॉब कि हो फिर जॉब बदलने की हर महत्वपूर्ण चीजों के साथ-साथ निगाहें सैलरी निगोशिएशन पर रहनी चाहिए। इसलिए खुले मन से सैलरी निगोशिएट करें। इसके लिए अच्छा नेटवर्क का होना बहुत जरुरी है, इससे खबर रहती है कि दूसरी कंपनी में कितना सैलरी ऑफर किया जा रहा है। इससे खुद की स्ट्रैटिजी बनाने में मदद मिल सकेगी। साथ ही याद रखें कि सैलरी ऑफर लेटर मिलने के बाद सैलरी पर निगोशिएट न करें। ऑफर लेटर मिलने से पहले ही सारी बातों को समझ लें और हां लास्ट बट नॉट लीस्ट एचआर से पीएफ आदि के बारे में विस्तार से बात कर लें।

बनाए स्ट्रैटिजी, न दिखाए उतावलापन

किसी भी इंटरव्यू में जाने से पहले कि इंटरव्यू और इंटरव्यू के एंड में सैलरी निगोशिएशन की पूरी स्ट्रैटिजी बनानी चाहिए। इसके ​लिए सबसे पहले खुद से तय कर लें कि सैलरी के बारे में कैसे और क्या बात करनी है। साथ ही कितने तक सैलरी एक्सेप्ट करनी है। अक्सर ऐसा होता है कि नौकरी पाने की जल्दी में कई बार लोग कम सैलरी में भी नौकरी के ऑफर को स्वीकार कर लेते हैं। कुछ दिन तक तो उन्हें अच्छा लगता है, लेकिन बाद अपने कॉलीग्स की सैलरी जानने के बाद उन्हें अपने फैसले पर पछताना पड़ता है। सैलरी निगोशिएशन में उतावलापन न दिखाएं। पेशंस रखें और सोच समझकर हां बोलें। इससे आपको अपनी योग्यता के मुताबिक सैलरी जरूर मिलेगी और आप मन लगाकर ऑर्गेनाइजेशन में अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकेंगे।

दिखाए योग्यता का दम

सैलरी पर बात करते समय हुनर के बारे में सोचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि आपको यह लगता है कि आपमें इतनी सैलरी हासिल करने का हुनर है, तो आप कॉन्फ़िडेंटली बात करने में सफल हो पाते हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि मनचाही सैलरी हासिल करने के बाद बॉस की सीधी नजर आपके परफ़ॉर्मेंस पर होती है। ऐसे में आपको अपनी योग्यता को साबित करके दिखाना होता है। हायरिंग प्रोसेस में आप दूसरे विकल्पों की भी चर्चा करें। खास तौर से सैलरी निगोशिएशन के दौरान आप बातों-बातों में एंप्लॉयर को यह जरूर बताएं कि आपके पास यह एकमात्र ऑप्शन नहीं है। दूसरी कंपनियां आपको कितना ऑफर कर रही हैं, यह आपकी डील को बेहतर करने में मदद करेगा। इससे आप खुद के टैलंट के बारे में भी मैसेज दे सकते हैं। लेकिन इस बात को सही तरीके से कहने का भी ढंग होना चाहिए।

आर्ट है बार्गेनिंग

किसी भी कंपनी में एचआर या नियुक्ता केंडिडेट को हर प्वाइंट पर जांचने और परखने में बहुत महिर होते है। ऐसे में किसी भी इंटरव्यू में सोच समझकर ही बोले और बात जहां सैलरी की तो सर्तक होना बहुत जरुरी है। क्योंकि बार्गेनिंग एक आर्ट है और किसी भी कंपनी में एचआर इस कला में माहिर होते हैं। उनसे बात करने के क्रम में अपनी सोच से 10 फीसदी अधिक सैलरी की बात करें। आपको 30 फीसदी हाईक चाहिए, तो उनसे 40-45 फीसदी सैलरी हाईक की बात करें। एचआर से आप जितने स्मार्ट तरीके से बात करेंगे, आपको सैलरी निगोशिएशन में उतना ही फायदा मिलेगा।

सफलता का पैमाना है सैलरी

आज के दौर में जो जितनी सैलरी पाता है, उसे उतना हुनरमंद माना जाता है। यह कैरियर की सफलता का पैमाना बन चुका है। यह आपको तय करना है कि ड्रीम कंपनी में कम सैलरी पर काम करना है या दूसरी कंपनी में अधिक सैलरी पर जाना है। एक्सपर्ट कहते हैं कि अपनी ड्रीम कंपनी के साथ दूर तक जाने की अपेक्षा ज्यादा सैलरी वाली कंपनी के साथ जाने के ऑप्शन को चुनना चाहिए। पूरे हायरिंग प्रोसेस में आपको कूलनेस दिखानी होती है। खास तौर पर सैलरी की बात करते समय आप अपना टेंपर न खोएं, क्योंकि इससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला। सैलरी की बात करते समय भी कूल रहें और अपनी बात लॉजिकल तरीके से रखें। याद रखें कि बोल्डनेस दूसरी बात है और टेंपर लूज करके ठीक व्यवहार न करना दूसरी बात है। बात करने के क्रम में आप कभी भी न डरें। यह न सोचें कि जॉब हाथ से चली गई, तो क्या होगा। खुद पर भरोसा करें। आगे आपको कई ऑप्शन्स मिलेंगे।

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