कानपुर। बिधनू थानाक्षेत्र के एक मन्दिर के पास बने सैकड़ों साल पुराने तालाब में शुक्रवार की सुबह हजारों मछलियां मृत पाई गई हैं। इन मछलियों की मौत से ग्रामीणों में गुस्सा देखा जा रहा है।
ग्राम प्रधान ने बताया कि मछुवारों द्वारा इस तालाब में मछली मारने से मना करने पर उन लोगों ने पानी में जहर मिलाया हैं, जिससे इन मछलियों की मौत हुई है। मामले की जानकारी पर आए प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस अफसरों ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन देकर पानी के सैंपल को जांच के लिए भेजा है।
बिधनू ब्लॉक के कठारा गांव स्थित देवी तलाब जो की तकरीबन 100 साल पुराना हैं। तलाब के पास स्थित प्राचीन दुर्गा मन्दिर होने के कारण इस तलाब का नाम देवी तालाब रखा गया था। ग्रामीणों की माने तो तलाब में मछलियां व जलीय जंतु काफी संख्या में है, लेकिन मां के स्थान पर तलाब होने की वजह से कोई भी इन जन्तुओं का शिकार नहीं करता है।
कुछ लोगों से यह पता चला कि इस देवी के तालाब में बहुत सारी मछलियां हैं। उनको मारने के लिए पांच दिन पूर्व इस तालाब में दूसरे गांव से मछुवारे आये। तालाब में मछली मारने को लेकर ग्राम प्रधान के साथ ग्रामीणों ने विरोध किया। इस पर सभी मछुवारे बिना मछली मारे तालाब से चले गए।
शुक्रवार सुबह जब गांव के लोग अपने जानवरों को पानी पिलाने के लिए देवी के तालाब के पास पहुंचे तो पानी में मृत मछलियों को देखकर ग्रामीणों के होश फाख्ता हो गए। उन्होंने मामले की जानकारी ग्राम प्रधान को दी। इधर तालाब में मरी हजारों मछलियों को देखकर गांववाले आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरु कर दिया।
बवाल की जानकारी पर एसीएम व बिधनू इंस्पेक्टर जीवाराम यादव समेत अन्य पुलिस कर्मी पहुंच गये। ग्रामप्रधान ने बताया कि मछली मारने से मना करने पर मछुवारों ने तालाब में जहर मिलाया है। एसीएम ने आक्रोशितों को शांत कराया।
उनका का कहना है कि मृत मछलियों को भूमिगत करवाते हुए तालाब के पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है, रिपोर्ट आने पर ही सही जानकारी मिल सकेगी, फिलहाल पुलिस ग्राम प्रधान की तहरीर पर उन मछुवारों की तलाश कर रही है।
भरा गया था तलाब में पानी
ग्राम प्रधान ने बताया की बीते एक महीने पहले इस तलाब में पास ही के सरकारी ट्यूबवेल से पानी भरवाया गया था। गांव के अधिकतर लोग सुबह शाम अपने मवेशियों को इसी तलाब में पानी पिलाने के लिए लेकर आते हैं।