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thousends civilian pay last tribute to martyr ramesh in sirohi
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सबके जेहन में बसकर पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद

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सबके जेहन में बसकर पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद
funeral of granadier ramesh chaudhary
funeral of granadier ramesh chaudhary
funeral of granadier ramesh chaudhary

सबगुरु न्यूज- सिरोही। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए 125 साटा रेजीमेंट के ग्रेनेडियर रमेश चौधरी का अपने पैतृक गांव नागाणी में पूरे सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ आज अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनका पार्थिक शव सोमवार को देर रात तक नागाणी पहुंचा था।

 

रमेश चौधरी की पार्थिव देह को उनके घर के बाहर ही रखा गया, जहां सैंकड़ों की संख्या में पहुंचे महिला, पुरुष और बच्चों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वंदे मातरम, रमेश चौधरी अमर रहे जैसे नारे से माहौल गूंजता रहा।

nagani
-हर कदम बढ़ा नागाणी की ओर
रमेश चौधरी की आज अंत्येष्टी की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से सोमवार को भी प्रसारित हो गई थी। ऐसे में मंगलवार को हर कदम नागाणी की और बढ़ते दिखे। सैंकड़ों की तादाद में महिला पुरुष रमेश चौधरी को अंतिम विदाई देने के लिए नागाणी की ओर पैदल और वाहनों से जाते दिखे।

रमेश चौधरी की पार्थिव देह को उनके घर के बाहर ताबूत में रखा गया था। इसका रास्ता संकड़ा था, फिर भी लोग उसकी शहादत को नमन करने के लिए बिना किसी धक्का-मुक्की के कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए खड़े रहे। सिर्फ अंत्येष्टि में देरी होने के कारण पुलिस को इस कतार को रोकना पड़ा।

people collected during funeral of ramesh chaudhary
people collected during funeral of ramesh chaudhary

-बांटते दिखे पुष्प
लोगों में रमेश चौधरी की शहादत का गर्व था। ऐसे में जिले के इस सिपाही की अंतिम विदाई में कोई कमी भी नहीं रखना चाहते थे। जो लोग बाहर से आए वह अपने हाथों में पुष्प और मालाएं लेकर आए। जो लोग गांव में ही थे, उन्हें युवक पुष्प से भरी थैलियां घरों में जाकर देते नजर आए। रमेश की शव यात्रा के 2 किलोमीटर के मार्ग पर लोगों ने फूलों की पत्तियों की बौछार कर दी।

ramesh chaudhary,s father giving his tribute to his son
ramesh chaudhary,s father giving his tribute to his son

-नारों के बीच सिसकता रहा एक बाप का दिल
आखिर मंगलवार को वो निष्ठुर दिन आ गया, जब रमेश के पिता और मां को यह बताना जरूरी हो गया कि उनका बेटा कर्तव्य निभाते हुए देश के काम आ गया है। कद में लम्बे रमेश के पिता की चेहरे की झुर्रियां पर आंखों से टपके आंसू अटके हुए दिख रहे थे। जब-जब कोई उनसे मिलने जाता उनकी आंख की पोर पर ठहरा आंसू जमीन की ओर बढ़ चलता। लेकिन, लोगों का ढाढस उनमें फिर से गौरव भर देता।

पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह चौहान, ओटराम देवासी आदि के ढाढस बंधाने के बाद आखिर रमेश के पिता अपने बेटे की अंतिम बिदाई की हिम्मत जुटा पाए। पुलिस अधीक्षक ने उनके पांव भी छुए। आखिर हो भी क्यों नहीं एक शहीद को जन्म देने वाले पिता के चरण किसी तीर्थ से कम नहीं हैं।

बुढापे की लाठी के टूटने पर कुछ झुक कर कमरे से निकलकर उस ताबूत की ओर बढ़े और ताबूत में चिर निन्द्रा में सोए अपने सबसे छोटे बेटे का चेहरा देखा। आंखों से आंसू फिर निकल आए इस बार आवाज ने भी धोखा दिया और आंसू के साथ रमेश के नाम के साथ वह भी मुंह से निकल आई। पास खड़े सांसद और बढ़े पुत्र ने उन्हें ढाढस बंधाया। फिर पुष्प लेकर अपने बेटे को अंतिम विदाई दी।

leaders giving there tribute to ramesh chaudhary
leaders giving there tribute to ramesh chaudhary

-लपेटा तिरंगा, निकाली शव यात्रा
ग्रेनेडियर रमेश चौधरी की अंतिम यात्रा से पूर्व उनके ताबूत पर तिरंगा रखा गया। इसके बाद गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहां से शव यात्रा निकली तो सैंकड़ों लोग अपने ही हीरो के अंतिम दर्शन को लालायित दिखे। पूरे रास्ते ग्रेनेडियर रमेश चौधरी की शहादत की नारेबाजी होती रही।

पामेरा मार्ग पर एक खेत में खुले में सजी चिता पर ताबूत के साथ ही ग्रेनेडियर की पार्थिव देह को रखकर अंतिम संस्कार किया गया। रमेश चौधरी के परिजनों ने मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों आंखें अपने इस हीरो की अंतिम विदाई पर नम हो गई।
-सेना ने खो दिया नेक सिपाही
ग्रेनेडियर रमेश चौधरी के साथ उनकी ही आर्टीलरी के वरिष्ट साथी बाबूलाल भी आए हैं। उन्होंने बताया कि रमेश चौधरी को किसी भी निर्देश को दोबारा नहीं देना पड़ता था। एक बार निर्देश पर ही काम को निपुणता के साथ करते थे। उन्होंने बताया कि ग्रेनेडियर का पार्थिव देह को जम्मू कश्मीर से हवाई जहाज से दिल्ली लेकर आए और वहां से आर्मी एंबुलेंस से सिरोही के नागाणी लाया गया।

-हर खासो-आम हुआ शामिल

शहीद रमेश चौधरी के दांह संस्कार के समय सांसद देवजी एम पटेल, गोपालन एवं देवस्थान राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया, रेवदर विधायक जगसीराम कोली, लूणी विधायक जोगाराम पटेल, लुम्बाराम चौधरी, नगरपरिषद के सभापति ताराराम माली, यूआईटी अध्यक्ष सुरेश कठोरी, सिरोही प्रधान प्रज्ञा कंवर, रेवदर प्रधान पुंजाराम, शिवगंज जीवाराम आर्य, पूर्व विधायक तारा भंडारी,पूर्व विधायक संयम लोढ़ा, अरूण परसरामपुरिया, हेमन्त पुरोहित, गणपसिंह, विरेन्द्र सिंह चौहान, नारायण पुरोहित, भूपेन्द्र देवासी, गणपत सिंह, सुरेश सरवंशी, महिपाल सिंह चारण, निरज डांगी, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष हरीश चौधरी,संध्या चौधरी तथा प्रशासनिक अधिकारियों में पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह चौहान, अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रहलाद सहाय नागा, पुलिस उपअधीक्षक हिम्मतसिंह देवल, उपखंड अधिकारी रामचन्द्र गरवा, तहसीलदार सहित  पूर्व सैनिक सोसयाटी के अध्यक्ष छैलसिंह देवड़ा व सचिव नारायण सिंह ने भी पुष्प श्रदांजलि दी। भारी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।