सिरोही । सिरोही-पिण्डवाडा के बीच बामनवाडजी तीर्थ के पास फोर लेन पर शनिवार दोपहर करीब एक बजे ज्वलनशील पदार्थ से भरे टैंकर ने मोटर साइकिल से अपने गांव जा रहे तीन युवकों को टक्कर मार दी और असंतुलित होकर पास की पहाडी से टकरा गया, जिससे इसमें आग लग गई। इसकी चपेट में आने दो युवक जिंदा जल गए और् तीसरा चोट लगने से जान गवा बैठा। टैंकर चालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
पुलिस के अनुसार दोपहर को उंद्रा गांव में रेबारी समाज की गंगाप्रसादी थी। इसमें हिस्सा लेकर निकटवर्ती नया सानवाड निवासी रूपाराम (23) पुत्र मानाराम रेबारी, पुनाराम (20) पुत्र जगमालाराम रेबारी तथा वागाराम (23) पुत्र जोगाराम रेबारी युवक दोपहर करीब एक बजे मोटरसाइकिल पर सवार होकर उंद्रा गांव से हाइवे पहुंचे। बामनवाडजी के पास स्थित इस पहाडी स्थान पर ज्वलनशील केमीकल से भरे एक टैंकर ने इन्हें टक्कर मार दी और टैकर पहाडी से टकरा गया। इससे टैंकर मे आग लग गई और तीनों युवक आग की चपेट में आ गए। जिससे दो युवक जिंदा जल गए और एक की चोट लगने से मौत हो गयी। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। मौके पर पहुंची बिनानी की फायर ब्रिगेड ने जैसे तैसे आग पर काबू पाने कोशिश की। आग की चपेट में आए दो युवक बुरी तरह से झुलस गए थे। पुलिस ने हाइवे पर दोनों तरफ यातायात को पूरी तरह से रुकवा दिया था।
जताया रोष
इस दुर्घटना की सूचना जैसे ही उंद्रा गांव में पहुंची वहां गंगाप्रसादी में शामिल रेबारी समाज के लोग हाइवे पर आकर एकत्रित हो गए। इस हादसे से आक्रोशित लोगों ने रास्ते पर जाम लगा दिया। इस परमौके पर आए विधायक समाराम गरासिया, उपखण्ड अधिकारी जितेन्द्र पाण्डेय, डीएसपी तेजसिंह, थानाधिकारी पारसाराम चैधरी, आदि ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों से समझाइश की ।इन लोगों ने समाजबंधुओं को पीडितों के परिजनों को उचित मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया, जिससे आक्रोश शांत हुआ और लोग शव उठाने को राजी हुई। थानाधिकारी चैधरी ने बताया कि शव को घटनास्थल से लाकर पिण्डवाडा सामुदायिक चिकित्सालय में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।
पूनाराम था घर का सहारा
दुर्घटना में मरे पुनाराम के पिता की करीब २ वर्ष पहले ही मौत हो गई थी। ऐसे में पूरे घर का खर्चा वही चलाता था। पत्थर घडाई का कार्य करता था मां की सेवा करता था। उसकी शादी नही हुई थी। उसके परिजनो ने बताया कि पुनाराम के घर पर कमाने वाला एकमात्र वही था, पत्थर घडाई के लिये महीने, दो महीने तक घर से बाहर रहता था। वह दो दिन पुर्व ही अपने घर आया था तथा आज गंगाप्रसादी के लिए गया था।
कपडो की दुकान पर थी नौकरी
दुर्घटना में मारे गए झाड़ोली के वागाराम के वृद्ध पिता जोगाराम अंधे हैं तथा मां वृद्ध है। वागाराम का परिवार गरीब परिवार है वही वागाराम के एक डेढ वर्ष का पुत्र है तथा उनकी पत्नी वर्तमान में गर्भवती है। वही वागाराम का बडा भाई अहमदाबाद में कपडो की दुकान में नौकरी करता है तथा उसकी तनख्वाह काफी कम है। इसी के साथ वागाराम स्वयं भेड बकरी चराने का कार्य करता था जिससे उसके परिवार का निर्वहन होता था।
नही हुआ था गोना
दुर्घटना में मारे गए रूपाराम का तो अभी शादी के बाद गौना भी नहीं हुआ था ऐसे में उसकी पत्नी पर दुखों मानों पहाड़ ही टूट गया। रूपाराम के घर में वृद्ध माता पिता हैं और एक भाई है दोनों भाईयों के पीछे ही घर चलता था।उसका बड़ा भाई पत्थर घड़ाई का काम करता है ओर रूपाराम भेड़-बकरियां चराकर अपने परिवार की गाड़ी को संबल दे रहा था। ऐसे में उसके परिवार दुखों का पहाड़ टूट गया है।