कानपुर। पीएम नरेन्द्र मोदी ने भले ही जाली नोटों को बाजार से बाहर करने के लिए विमुद्रीकरण का फैसला लिया हो पर जालसाजों ने नई करंसी का भी तोड़ निकाल लिया।
बुधवार को एसओजी की टीम ने कानपुर देहात के पुखरायां में जाली नोट छापने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर दिया।
लखनऊ से मिली सटीक सूचना पर बुधवार को कानपुर देहात के पुखरायां के मेनरोड निवासी समरेंद्र सचान के मकान में मंगलवार की रात तीन बजे छापेमारी की।
स्वाट टीम के साथ छापेमारी में एसओजी ने समरेंन्द्र की पीछे वाले कमरे में बड़े पैमाने में छपे अधछपे नई करंसी के नोट व छापने की मशीन प्रिंटर के साथ अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
पकड़े गए समरेंन्द्र के निशानदेही पर विवेकानंदनगर, पुखरायां के रहने वाले प्रसून सचान व मीरपुर पुखरायां के आशीष गुप्ता को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की।
एसपी प्रभाकर ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल करते हुए समरेंन्द्र ने बताया कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करता है।
पुलिस ने बताया कि वीपी सिंह और वीपी पाल नाम के युवकों के जरिए नकली नोटों का कारोबार किया जा रहा था। अभी तक पुराने पांच सौ के नोटों के बदले दो हजार के नकली नोट दिए जा रहे थे।
कानपुर में करीब 70 लाख रुपए के नकली दो हजार के नोट अब तक खपाए जा चुके हैं। पुलिस ने तीनों के पास से 7 लाख 64 हजार के पौने आठ लाख नकली रुपए बरामद किए हैं।
एसओजी प्रभारी ने बताया कि अभियुक्तों से पूछतांछ की जा रही है इनके गिरोह में कितने सदस्य है और किन जनपदों में रैकेट चल रहा है, जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।