रीवा। विकासखण्ड रीवा अंतर्गत आने वाले राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन के द्वारा संचालित प्राथमिक पाठशाला अमिलकी में शुक्रवार को उस समय बड़ी घटना होने से बच गई जब बच्चों के मना करने पर समूह द्वारा बनाया गया चावल खाने से मना कर दिया गया।
बच्चों के मना करने पर समूह के संचालक द्वारा खाने को खेत में फेंक दिया गया। जैसे ही फेके हुए चावल को आवारा घूम रहे कुत्तों ने खाया तो वहीं पर ढेर हो गए। इस बात की जानकारी जब बच्चों को हुई तो उन्होनें इसकी सूचना शिक्षक के साथ ही गांव वालों की दी।
जैसे ही इस बात की जानकारी गांव में फैली तो अपने अपने बच्चों को देखने के लिए गांव के लोग पहुंच गए तथा बच्चे से पूछने लगे कि तुम लोगों ने तो नहीं खाया इस पर बच्चों ने जबाव दिया कि हम लोगों के थाली में उक्त चावल डाला गया था लेकिन उसमें अजीब किस्म की गंध आने के कारण हम लोगों ने खाने से मना कर दिया।
इस पर उसे बाहर फेंक दिया गया। जिसे आवारा कुत्ते खा रहे थे और अचानक वह गिर गए। इस बात की जानकारी हमने टीचर के साथ खाने बनाने वाली बाई को बताया।
शिक्षा गारंटी की इस स्कूल में गांव के लगभग सभी घर के बच्चे पढ़ाई करते है। गांववालों को जब इस बात की जानकारी हुई कि स्कूल में बने चावल को जिसे फेंक दिया गया था उसे कुछ कुत्तों ने खाया तो वह मर गए यह जानकारी मिलते ही गांव वालों के साथ ही माता-पिता के कलेजा धक रह गया। वे जिस अवस्था में उसी अवस्था में दौड़ते हुए स्कूल की तरफ आए तथा अपने बच्चे से पूछकर जानकारी लेने पर ही उनकी शरीर पर जैसे जान लौटी।
गारंटी स्कूल में बने मघ्यान्ह भोजन के खाने से कुत्तों की मौत के बाद उक्त सूचना पुलिस को दी गई जहां पर पहुंची पुलिस ने फेंके गए चावल का सेंपल जप्त किया तथा पंचनावा आदि की कार्यवाही कारवाई की गई। इस दौरान बनाये गए पंचनामा में स्कूल में पढने वाले बच्चे के माता पिता ने हस्ताक्षर कर पंचनामा की पुष्टि की। इस दौरान लोगों ने उक्त समूह को बदलने की मांग की। पंचनामा की कार्यवाही में प्रदीप, रामभुवन, संगीता, अनीता कोरी, राजकुमारी, मुन्नी आदि ने हस्ताक्षर कर सौपा है।
इनका कहना है
समूह के द्वारा विद्यालय में भोजन बनाया जाता है। उक्त समूह ने एक नई रसोईयों के हाथों से खाना बनवाया था। खाना बनाने के बाद बच्चों को परोसा गया लेकिन खाने में अजीब तरह की सुगंध आने पर बच्चों ने शिकायत की तो पूरे खाने को बाहर फिकवा दिया गया। जिसे खाने पर आवारा कुत्तों की मौत हो गई तो यह मामला सामने आया। गनीमत रही की बच्चों ने एक निवाला नहीं खाया अन्यथा बड़ी घटना हो सकती थी। भगवान का धन्यवाद है कि बच्चों ने खाना नहीं खाया, वर्ना बच्चों की जान पर भी बन आती। इसके साथ ही इस समूह को बदलने के लिए भी गांव वालों ने पंचनामा बनाया है जिसे तत्काल बदलने की कार्यवाही की जाएगी।
विश्वनाथ पटेल, शिक्षक