हैदराबाद। अरब लोगों द्वारा कम उम्र की लड़कियों से शादी के मामले का भंडाफोड़ होने के बाद हैदराबाद पुलिस ने इसी मामले में मंगलवार को तीन ओमानी नागरिकों और दो काजियों को गिरफ्तार किया। पिछले सप्ताह रैकेट का खुलासा होने के बाद जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की और गिरफ्तारियां की।
हैदराबाद के मुख्य काजियों में से एक अली अब्दुल्लाह रफी फरार चल रहा था। उसे पुराने शहर से गिरफ्तार कर लिया गया और उससे मिली जानकारी के आधार पर ओमान के तीन नागरिकों को पकड़ा गया जो शहर में नाबालिग लड़कियों से शादी करने के लिए पहुंचे थे। इसके साथ ही एक सहायक काजी को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस उपायुक्त वी. सत्यनारायणन ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने कतर के दो नागरिकों को निर्वासित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें से एक की उम्र 75 साल है जो कि नेत्रहीन है, हफ्ते में तीन बार जिसकी डायलिसिस होती है और जिसे पेसमेकर लगा हुआ है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि यह दस बार शादी कर चुका है और ग्यारहवीं की फिराक में हैदराबाद आया था।
पिछले सप्ताह पुलिस ने एक बड़े रैकेट के भंडाफोड़ का दावा किया था जिसमें पांच ओमानी और तीन कतर के नागरिकों समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए तीन काजियों में से एक मुंबई का मुख्य काजी फरीद अहमद खान था जो इस गिरोह का मुखिया था। उसने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 40 नाबालिग लड़कियों से अरब शेखों की शादियां कराईं हैं।
डीसीपी ने कहा कि अनुबंध विवाहों और नाबालिग लड़कियों की अंतर्राष्ट्रीय तस्करी का रैकेट हैदराबाद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मुंबई, केरल, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अपने पैर पसार चुका है।
डीसीपी सत्यनारायण ने कहा कि अब तक उन्होंने 22 नाबालिगों समेत 35 पीड़ितों की पहचान की है। इनमें से कुछ 15 से 30 दिनों के लिए शादीशुदा हैं, जिसे अनुबंध विवाह कहा जाता है। कुछ पीड़ितों को घरेलू नौकरानी वीजा पर अरब देशों में ले जाया गया था।
अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर मामलों में 50 से 70 वर्षीय विवाहित पुरुष 15 से 17 साल की लड़कियों से शादी कर रहे थे।