नई दिल्ली। दुनियाभर में बैंक लूट की अनगिनत फिल्में बनी हैं, लेकिन क्या कभी तीन बेवकूफों को बैंक लूटते देखा है? इस शुक्रवार ऐसे ही तीन बेवकूफों की फिल्म ‘बैंक चोर’ रिलीज होने जा रही है, जो बैंक लूटने के लिए जाते तो हैं लेकिन लूट नहीं पाते। इन्हीं तीन चोरों में से एक हैं भुवन अरोड़ा।
‘शुद्ध देशी रोमांस’, ‘डेढ़ इश्किया’ और ‘नाम शबाना’ जैसी फिल्मों में नजर आ चुके भुवन ने आईएएनएस को मुंबई से फोन कर बताया, “यह फिल्म तीन बेवकूफ चोरों की कहानी है, जो बैंक लूटने जाते हैं लेकिन लूट नहीं पाते। रितेश देशमुख, विक्रम थापा और मैं उन्हीं तीन चोरों का किरदार निभा रहे हैं।”
फिल्म में कॉमेडी का जबरदस्त डोज है। वह फिल्म की कहानी पर रोशनी डालते हुए कहते हैं कि रितेश मुंबई का रहने वाला है और वह बैंक लूटने के लिए दो लोगों को दिल्ली से बुलाता है लेकिन ये दोनों बहुत बड़े बेवकूफ हैं, जिन्हें बैंक लूट के बारे में कुछ भी नहीं पता। बैंक लूटने की योजना इन तीनों के जीवन की सबसे बड़ी गलती बन जाती है और वे अपने ही जाल में फंस जाते हैं।
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फिल्म में कॉमेडी के तड़के को और जबरदस्त करने के लिए मुंबई और दिल्ली वालों की खींचतान को भी बेहतरीन ढंग से पेश किया गया है। इसके बारे में भुवन कहते हैं कि मुंबई और दिल्ली वालों के बीच की खींचतान को फिल्म में गजब तरीके से दिखाया गया है। फिल्म में रितेश मुंबई से है और मैं और विक्रम दिल्ली से तो इस वजह से शहरों के बीच का यह टकराव भी फिल्म में देखने को मिलेगा, जिसे अभी तक किसी भी फिल्म में पेश नहीं किया गया।
वह अपने किरदारों के बारे में पूछने पर कहते हैं कि फिल्म में रितेश का नाम चंपक, विक्रम का गेंदा और मेरा गुलाब है। फिल्म में हम तीनों ही निम्न मध्यवर्ग परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए हमारे नाम भी उसी पृष्ठभूमि के आधार पर रखे गए हैं। अगर ये नाम कॉमेडी बन पड़े हैं, तो इसे तो अंधेरे में तीर लगने वाला ही कहा जाएगा।
इस फिल्म की खास बात यह है कि यह फिल्म एक दिन के चंद घंटों की कहानी है कि किस तरह तीन चोर बैंक लूटने के लिए बैंक जाते हैं और अपने ही जाल में फंस जाते हैं और इस बीच विवेक ओबेरॉय की फिल्म में एंट्री होती है। विवेक ओबेरॉय के किरदार के बारे में भुवन कहते हैं कि विवेक ओबेरॉय एक बहुत ही सख्त पुलिसकर्मी की भूमिका निभा रहे हैं, जो इन चोरों को नाकों चने चबवा देता है। इस किरदार में विवेक को देखना दिलचस्प होगा।
भुवन लगभग साढ़े चार साल पहले दिल्ली से मुंबई आए थे। वह इन बीते वर्षो में चार फिल्में, 40 लघु फिल्में, तीन थिएटर और 15 विज्ञापन कर चुके हैं। वह इंडस्ट्री में अपने भविष्य के बारे में पूछने पर कहते हैं कि मैं अभी अपने करियर के उस पड़ाव पर हूं, जहां मैं किसी भी तरह की भूमिकाएं करने के लिए तैयार हूं। मैं इस वक्त चूजी नहीं हो सकता। हां, बस किरदार ऐसो हो, जो अभिनेता के तौर पर मेरे साथ न्याय कर सके।
हालांकि, भुवन कहते हैं कि उन्हें नकारात्मक किरदार पर्दे पर निभाने में अच्छा लगेगा। वह कहते हैं कि एक्शन फिल्में करना मेरी ख्वाहिश है। मुझे लगता है कि नकारात्मक किरदार निभाना अच्छा रहेगा, क्योंकि इस दौरान आप पर बंदिशें नहीं होतीं और आप खुलकर किरदार को जी सकते हो।
भुवन नागेश कुकनूर की वेबस सीरीज ‘द टेस्ट केस’ में भी काम करने जा रहे हैं। इसमें उनके साथ निम्रत कौर हैं।