

नई दिल्ली। गोवा में दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा मेला लगने जा रहा है। 28 मार्च से 31 मार्च के बीच लगने वाले इस रक्षा मेले में दुनियाभर की रक्षा उपरकरण निर्माता कंपनियां अपने-अपने उत्पादों के प्रदर्शन के लिए आ रही हैं।
इस रक्षा मेले का उद्देश्य यह दिखाना है कि दुनियाभर की फौजें आजकल कौन-सी नई तकनीक और उपकरण इस्तेमाल कर रही हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आगामी 28 मार्च को ‘डिफेंस एक्सपो’ का उद्घाटन करेंगे।
गोवा में होने जा रहे इस डिफेंस एक्सपो में पहली बार जहाज और हथियारों का सीधा प्रदर्शन होगा। इस अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी में भारत के साथ अमरीका, रूस, जर्मनी, इजराइल और फ्रांस की कंपनियां भाग लेंगी।
पिछली बार 2014 में नई दिल्ली में ‘डिफेंस एक्सपो’ प्रदर्शनी हुई थी उस समय इस प्रदर्शनी में लगभग 600 कंपनियों ने भाग लिया था। इस बार रक्षा मंत्रालय ने जिन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया गया है वो भी डिफेंस एक्सपो में हिस्सा ले सकती है।
रक्षा उत्पादन सचिव अशोक कुमार गुप्ता के बयान के मुताबिक़ डिफेन्स एक्सपो में मेक इन इंडिया पर खासा जोर रहेगा।
बढ़ते आतंकी खतरे को देखते हुए पहली बार गोवा पुलिस के अलावा, एनडीआरएफ और सीआईएसएफ के साथ स्पेशल फ़ोर्स के जवानों को डिफेंस एक्सपो की सुरक्षा में लगाया गया है।
डिफेंस एक्सपो के निदेशक विंग कमांडर एमडी सिंह के बयान के मुताबिक़ समंदर के किनारे गोवा में डिफेंस एक्सपो की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
डिफेन्स एक्सपो के लिए तीन स्तरीय सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं जिसमें पहला घेरा प्राइवेट सुरक्षाकर्मी, दूसरा घेरा गोवा पुलिस और तीसरे और अहम घेरे की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के साथ स्पेशल फोर्स के जवानों के पास होगी।
इस बार की प्रदर्शनी की शुरुआत सेमिनार से होगी। पहले दिन भारत की जरूरतों के मुताबिक जहाजरानी तकनीक पर देश और दुनिया के विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समुद्री अनुसंधान पर चर्चा होगी।