ग्वालियर। श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर 18 अगस्त को रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार रक्षा बंधन में तीन साल बाद ऐसा होगा, जब बिना भद्राकाल के पूरे दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांध सकेंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सुनील जोशी जुन्नरकर के अनुसार पिछले कई वर्ष से रक्षा बंधन के त्योहार पर भद्राकाल का संयोग रहता था, लेकिन इस बार 18 अगस्त को सूर्य उदय से पूर्व ही भद्राकाल समाप्त हो जाएगा। इसकी वजह से इस दिन सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक बहनें भाइयों को राखी बांध सकेंगी।
अचलेश्वर महादेव के उप मुख्य महंत पंडित गगन कटारे के अनुसार रक्षा बंधन का पर्व लंबे समय के बाद भद्राकाल से मुक्त रहेगा। इससे रक्षा बंधन पर पूरे दिन शुभ मुहूर्त में बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांध सकती हैं।
रामदरबार के मुख्य पुजारी के अनुसार भद्राकाल में रक्षा बंधन का पर्व मनाना शास्त्रानुसार उचित नहीं होता है। इस काल में अगर बहनें अपने भाई को रक्षा सूत्र बांधती हैं तो भाई के जीवन में परेशानियां बढ़ जाती हैं।
उज्जैन ज्योतिष पीठाधीश्वर पंडित विनोद गुरु के अनुसार रक्षा बंधन पर घनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। इसकी वजह से यह रक्षा बंधन बहन और भाई के जीवन में धन की वृद्घि लाएगा।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार रक्षा बंधन के पर्व पर सिंहासन गौरी योग रहेगा। बहन-भाई के जीवन में सिंहासन योग से राजपाठ, वैभव और गौरी योग से मंगल, शुभ समाचार जीवन में आएंगे। साथ ही आर्थिक संपन्नता भी आएगी।