उमरिया। उमरिया जिले के घुनघुटी रेंज में आतंक का पर्याय बन चुका बाघ 11 लोगों को मारने के बाद आखिरकार पकड़ा गया। कई दिनों से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारी अपने अमले के साथ बाघ की तलाश में लगे थे।
अब बाघ की पहचान कर उसे पिंजरे में बंद करने में सफलता मिल गई है। फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मृदुल पाठक ने बताया कि लगातार घुनघुटी रेंज में बाघ द्वारा ग्रामीणों पर हमला कर लोगों को मारने की शिकायत आ रही थी।
बाघ के हमले से 11 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों के बताए अनुसार बाघ के शरीर में त्रिशूल का चिन्ह पहचान कर लगातार बाघ की तलाश की गई।
आखिकार बाघ की लोकेशन पाने में वन विभाग के अमले को सफलता मिली और और उसे ट्रेन्कूलाईज कर पिंजड़े में कैद कर लिया गया। बाद में उसे बहेरहा इन्क्लोजर में छोड़ दिया गया।
हालांकि पिंजड़े में कैद होने के बाद भी बाघ ने कई बार हमला करने की कोशिश की और दो मीटर तक छलांग मार कर बाहर आने का प्रयास करता रहा। लगातार निगरानी में रहने के बाद अब आमदखोर बाघ का बर्ताव सामान्य हो रहा है।
डब्ल्यू डब्ल्यू आई देहरादून से आए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डाक्टर पराग निगम का कहना हैं कि अभी इसके स्वभाव के बारे में अध्ययन करना पड़ेगा कि यह आदमी को देख कर एग्रेसिव होता है या शांत रहता है।
खुले माहौल से अचानक पिंजरे में बंद होने के कारण बाघ थोड़ा परेशान करेगा लेकिन थोड़े समय के बाद शांत हो जाएगा। इससे इसके स्वभाव के बारे में जानने में आसानी होगी।
गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कुप्रबंधन के चलते बहुत से बाघ पार्क से बाहर का रास्ता पकड़ आबादी वाले क्षेत्रों में चले जाते हैं। ऐसे बाघ आस पास के क्षेत्र में बसे ग्रामीणों का शिकार कर उन्हें मार देेते हैं।