बेंगलुरू। टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के कर्नाटक सरकार के फैसले का विरोध जारी है। मंगलवार को कोडागु ज़िले में विरोध प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और कई अन्य घायल हैं।
18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती का मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी सहित विहिप, बजरंग दल, हिंदू जागरण वेदिक व अन्य हिन्दू संगठन विरोध कर रहे हैं।
कोडागु पुलिस के अनुसार विहिप की कोडागु इकाई के महासचिव डीएस कुटप्पा की मौत माडिकरी अस्पताल के परिसर में भागने के दौरान ऊंचाई से गिरने के चलते हुई।
पुलिस के अनुसार तीन हजार प्रदर्शनकारी जुलूस निकालना चाहते थे। पुलिस की अनुमति नहीं मिलने के बाद उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया और आंसु गैस के गोले छोड़े।
बेंगलुरु में मंगलवार को टीपू सुल्तान की जयंती मनाई गई। राज्य सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि टीपू सुल्तान एक सेक्यूलर शासक थे, कुछ सांप्रदायिक संगठनों को छोड़कर ज्यादातर लोग इसका समर्थन कर रहे हैं।
वहीं टीपू को कट्टरपंथी और कन्नड़ विरोधी करार देते हुये भाजपा ने कर्नाटक में 18वीं सदी के प्रसिद्ध शासक टीपू सुल्तान की जयंती पर राज्यकीय समारोह का बहिष्कार किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा कि पार्टी की ओर से किसी भी स्तर के प्रतिनिधि ने आधिकारिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।