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अदभुत राष्ट्रवाद : तिरंगे का सम्मान पर संविधान और कानून का अपमान - Sabguru News
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अदभुत राष्ट्रवाद : तिरंगे का सम्मान पर संविधान और कानून का अपमान

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अदभुत राष्ट्रवाद : तिरंगे का सम्मान पर संविधान और कानून का अपमान
state minister otaram dewasi driving motor cycle without helmate during tiranga yatra in sirohi
state minister otaram dewasi driving motor cycle without helmate during tiranga yatra in sirohi

सबगुरु न्यूज-सिरोही। यूं सत्ता में आई किसी राजनीतिक पार्टी के नेताओं से नैतिकता की अपेक्षा करना बेमानी है, लेकिन जब कोई राजनीतिक पार्टी राष्ट्र के प्रतीक तिरंगे की यात्रा निकाले तो उससे इस बात की नैतिकता की अपेक्षा की ही जा सकती है कि वह कम से कम इस दौरान संविधान और कानून की पालना करें। भाजपा सिरोही ब्लाॅक की ओर से दो पहिया वाहनों पर निकाली गई तिरंगा यात्रा में गुरुवार को देश के कानून के प्रति यही सम्मान और नैतिकता नदारद दिखी।

दरअसल, नेताओं को फोटो में चेहरा दिखाने की इतनी चिंता थी कि उन्होंने संवैधानिक संस्था संसद और विधानसभाओं  के द्वारा बनाए गए मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों की भी परवाह नहीं की और गिने चुने लोगो को छोड्कर शेष लोग बिना हेलमेट के ही तिरंगा यात्रा पर निकल पडे। हां, प्रमुख जनप्रतिनिधियों में जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया जरूर हेलमेट पहनकर फोटो में चेहरा दिखाने की बजाय तिरंगा यात्रा के उद्देश्य का सार्थक करती हुई नजर आई।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस रैली में राजस्थान में कानून बनाने वाली संस्था विधानसभा के सदस्य और सरकार के मंत्री ओटाराम देवासी भी शामिल थे। ऐसे में इस तिरंगा यात्रा को राष्ट्रवाद की बजाय पार्टी के एजेंडे की पालना भर माना जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होती।

यदि इस सिरोही में निकाली कई तिरंगा यात्रा के पीछे राष्ट्रवाद की भावना होती तो सबसे पहले राष्ट्र में बने कानूनों और कायदों की पालना की बात होती। वैसे गत वर्ष भी जो तिरंगा यात्रा निकली थी उसमें तिरंगे का अपमान भी हुआ था। जिसकी एफआईआर सिरोही कोतवाली में दर्ज करवाई थी। वहां के सीआई हंसाराम चैधरी द्वारा इस मामले में एफआर लगाने के बाद इसे हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है।

पुलिस ने किया जागरूक, भाजपाई अब भी सोए हैं

कुछ राज्यों में शहर में दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट नहीं पहनने का प्रावधान भी बनाया गया है, लेकिन राजस्थान में फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट में इस तरह की कोई छूट नहीं दी गई है। ऐसे में वाहन चलाने वाले भाजपाइयों को तो हेलमेट पहनना ही चाहिए।

वैसे तीन दिन पहले सिरोही में पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार यातायात सप्ताह के तहत जागरूकता फैलाने जागरूकता रैली निकाली गई थी, जिसमें सभी पुलिसकर्मी हेलमेट पहले थे। इस पर भी मंत्री ओटाराम देवासी समेत भाजपा के अन्य जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी जागरूक नहीं हुए तो पार्टी का इनके माध्यम से जनता को जागरूक करवाने का मकसद बेमानी ही है।

sirohi bjp mandal president driving motor cycle withot helmate

 

सिख समुदाय को साफे में छूट है, यहां पसोपेश

रैली में गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी तो स्वयं वाहन चला रहे थे। उनके सिर पर साफा था, हेलमेट नहीं। इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर बडी चर्चा हुई। मोटर व्हीकल अधिनियम के तहत सिख समुदाय के लोगों को वाहन चलाते समय साफा पहनने पर हेलमेट की बाध्यता नहीं है। इसे पीछे धार्मिक मान्यता है, लेकिन राजस्थान में साफे पहनने पर हेलमेट पहनने की आवश्यकता है या नहीं इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

वैसे कुछ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में भी यह प्रावधान लागू है, लेकिन वहीं कुछ पुलिस अधिकारी इस मामले में अनभिज्ञता भी जता रहे हैं। लेकिन, अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाईम्स में 30 अक्टूबर, 2015 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना में 31 अक्टूबर 2015 को हेलमेट पहनने के लिए नया नोटिफिकेशन जारी हुआ है।

इसमें प्रकाशित ट्रांसपोर्ट कमिश्नर गायत्री राठौड के अनुसार केन्द्रीय मोटर व्हीकल एक्ट 1988 और राजस्थान मोटर व्हीकल एक्ट 1990 के तहत दी गई छूटों को समाप्त करते हुए दो पहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट आवश्यक कर दिया गया है।

पहले पीछे बैठने वालों के लिए जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर में ही हेलमेट आवश्यक था। उनके अनुसार पगडी पहलने वाले सिख समुदाय के लोगों को इससे मुक्त रखा गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सिरोही के विधायक और राजस्थान सरकार के गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी और यात्रा के आयोजक सिरोही ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी भी इस कानून का उल्लंघन करते हुए नजर आए। सगरवंशी की मोटर सायकिल के पीछे बैठा व्यक्ति जरूर हेलमेट मे नजर आया।

यह कानून वर्तमान भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के केबीनेट ने ही बनाया है। इस सरकार के हिस्सा स्वयं ओटाराम देवासी भी मंत्री के रूप में है। ऐसे में इनसे से प्रधानमंत्री और राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दिखावती सम्मान के लिए ही सही, पर कायदे की पालना की अपेक्षा तो की ही जा सकती है।

यह थे शामिल

भाजपा जिला प्रवक्ता रोहित खत्री ने बताया कि तिरंगाा यात्रा शहर के रामझरोखा से शुरू होकर भाटकडा सर्कल, सम्पूर्णानंद काॅलोनी, दक्षिण मेघवाल, बस स्टेण्ड, सरजाव चैराह, अंहिसा सर्कल, पीडब्लूडी काॅलोनी, कृष्णपुरी, नयावास चैराहा, सदर बाजार, आयाुर्वेदिक चैराहा, अम्बेडकर सर्कल, बाबा रामदेव गार्डन मे समापन हुआ।

इसमें गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, सभापति ताराराम माली व मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी के नेतृत्व में उपप्रमुख कानाराम चैधरी, विधानसभा की पूर्व उपाध्यक्ष तारा भंडारी, उपसभापति धनपत सिंह, जिला उपाध्यक्ष अषोक पुरोहित, नगर महामंत्री शंकरसिंह परिहार, पार्षद वीरेन्द्र चैहान, मगन मीणा, रणछोड कुम्हार, अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष मुश्ताक नागौरी, महिला मोर्चा दक्षा गहलोत, कल्पना पुरोहित, अमिया देवी, वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र सिंह चैहान, दक्षा भंडारी, अरूण ओझा, गोविंद माथुर, रमजान, इमरान, हरिश दवे, शरीफ भाई, जब्बर सिंह, प्रकाश पटेल, चिराग रावल, नितिन रावल, जिग्यासा रावल, अनिल सगरवंशी, नासीर, लोकेश खण्डेलवाल, जुजाराम देवासी, लुम्बाराम राणा, इंसाफ, दिनेश रावल, फारूख, सलीम, शकील कई कार्यकर्ता शामिल थे।