सबगुरु न्यूज-जयपुर/सिरोही। जालोर लोकसभा क्षेत्र की तिरंगा यात्रा का शुक्रवार को सिरोही विधानसभा क्षेत्र में निकाली गई यात्रा के साथ समापन हुआ। अफसोसजनक यह रहा कि इस तिरंगा यात्रा को शहीदों की कुर्बानी को याद करने के लिए निकला गया और प्रेस नोट के अनुसार रूट में शामिल होने के बाद भी यात्रा को शहीद भंवरसिंह के छीबागांव से नहीं निकाला गया। हालांकि शिवगंज में तिरंगा यात्रा की समाप्ति के बाद अपने वाहनों से सांसद देवजी पटेल, राज्यमंत्री और सिरोही विधायक ओटाराम देवासी तथा भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी छीबागांव पहुंचे।
यहां पर शहीद भंवरसिंह राठौड के परिवार से मिले भी। यहां पर भी सांसद से उनके परिजन ने यह शिकायत की कि आप अकेले आए हैं, शहीदों की कुर्बानी के लिए निकाली जाने वाले तिरंगा यात्रा उनके ही गांव से होकर के नहीं निकाली। उन्होंने कहा कि कायदे से सिरोही विधानसभा की इस यात्रा की शुरूआत भी छीबागांव से होनी चाहिए।
-सौंपा ज्ञापन
सांसद व राज्यमंत्री के शहीद भंवरसिंह के गांव पहुंचने पर उनकी पत्नी गुलाब कंवर की ओर से उन्हें ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन में उनकी पत्नी बताया कि उनके पति भंवरसिंह राठौड बीएसएस में हेड कांस्टेबल थे और 22 जुलाई 2008 को जम्मु कश्मीर में कुपवाडा में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए।
उनकी शहादत की याद में मंत्री ने अरणठवाड हाइवे से पंचदेवल तक का मार्ग बनवाकर उनका नाम शहीद भंवरसिंह के नाम पर रखने, राजकीय माध्यमिक विद्यालय का नामकरण शहीद भंवरसिंह के नाम से करना तथा उनके नाम से जिले में सर्किलों का नाम उनके नाम से करने की घोषणा की थी।
आज आठ साल बीतने पर भी यह काम नहीं हुआ। वहीं राजपूत भवानी सेना ने अपने ज्ञापन में बताया कि आठ साल में इन मांगों का पूरा करने के लिए भेजे गए ज्ञापनों की फाइल मोटी हो चुकी है। इस पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि कागजी कार्रवाइयों से उनका धैर्य टूट चुका है। यदि एक महीने में उक्त मांगे पूरी नहीं की गई तो जिला व उपखण्ड स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
सुनिये शहीद भंवर सिंह के घर क्य हुइ मुख्य बाते….