सबगुरु न्यूज-सिरोही। राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाडी ने वसुंधरा राजे मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होने के सवाल पर कहा कि वो मुख्यमंत्री के साथ और मुख्यमंत्री उनके साथ नहीं चल सकती हैं। वे वास्तानेश्वर मंदिर के सिंहद्वार के उद्घाटन के दौरान सिरोही में अपने अल्प ठहराव के दौरान पत्रकारों से मुखातिब थे।
तिवारी भाजपा के अन्य नेताओं के साथ गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के उनके विरोध करने के सवाल पर तिवारी ने कहा कि उनके विरोध से मेरे मित्रों की सरकार या पार्टी में किसी की नौकरी पक्की हो सकती है तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। तिवारी ने कहा कि वह सरकार के विरोधी नहीं हैं और न ही भाजपा के विरोधी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी वर्ष चल रहा है, इसके तहत दीनदयाल वाहिनी के गठन के लिए वे राजस्थान में घूम रहे हैं। इसका उद्देश्य दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर सरकार और पार्टी चले इस काम के लिए घूम रहे हैं। इसके लिए 23 जनवरी को जयपुर में बैठक होगी जिसमें प्रदेश और जिला स्तरीय संगठन की रूपरेखा तय की जाएगी।
तिवाडी ने कहा कि दीनदयाल वाहिनी सरकार के विरोध में कोई अभियान नहीं है, सरकार से कोई संतुष्ट और असंतुष्ट है इसका पता तो बाद में लगेगा, लेकिन अभी इसका उददेश्य मात्र एकात्म मानववाद का प्रचार है। चरित्र और नैतिकता जिसके आधार पर सरकार चले और जिसके आधार पर ऐसे कार्यकर्ता तैयार होवें जो राष्ट्र और समाज की सेवा कर सकें।
उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता और आर्थिक न्याय का उनका दूसरा मूवमेंट है, जिसका उन्होंने बिल भी रखा था। तिवाडी ने कहा कि इसके तहत एससी, एसटी व ओबीसी के आरक्षण को कायम रखते हुए समाज में आर्थिक रूप से पिछडे ब्राह्मण, क्षत्रीय, वैश्यों व अन्य वंचित वर्गों को शिक्षण संस्थान और नौकरियों में 14 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है ताकि समाज में नया दलित वर्ग पैदा नहीं होवे। उन्होंने कहा कि आम आदमी को जहां-जहां भ्रष्टाचार के कारण से समस्या आती है उनका निवारण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि उनके पास कई बाते हैं, जिन्हें वे विधानसभा के पटल पर रखना पसंद करेंगे। उन्होंने यह संदेश दे दिया कि वे विधानसभा में राजस्थान की जनता की समस्याओं को दलों की विचारधारा से उपर होकर रखेंगे ताकि आम आदमी को राहत मिले। सरकार के दो सालों के कार्यों से संतुष्टि के सर्वे के लिए ही वे निकले हैं और इसके संबंध में जो भी जनता से फीडबैक आया है वह विधानसभा में ही इसे रखेंगे।
उनके सिरोही आगमन पर उनके स्वागत में किसी भाजपा पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि के नहीं पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी कुछ लोगों, कुछ विधायकों व पदाधिकारियों तक सीमित नहीं है और वे समझते हैं कि अधिकांश पार्टी के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी व कार्यकर्ता उनके साथ हैं। किसी को यहां आने से कुछ नुकसान होता है तो नहीं आना चाहिए।
नौकरी पक्की कर रहे थे पदाधिकारी!
पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाडी के सिरोही आगमन पर भाजपा की जिला व नगर समेत किसी भी मंडल की कार्यकारिणी का कोई पदाधिकारी उनके स्वागत पर सर्किट हाउस नहीं पहुंचा। स्थानीय सभापति ताराराम माली, ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी समेत साधारणतः हर छोटे-बडे नेता के आने पर मालाएं लेकर फोटो खिंचवाने के लिए पहुंचने वाले भाजपा पदाधिकारी यहां से नदारद रहे।
तिवाडी के स्वागत में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे थे, वे सभी वह लोग थे, जो भाजपा में जिले की वर्तमान व्यवस्था के प्रति आक्रोश जताते हुए जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी का पुतला फूंक चुके हैं। इतना ही नहीं यहां पहुंचे असंतुष्ट भाजपाइयों की मानें तो पार्टी के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि तो शुक्रवार रात से ही इस प्रयास में लग गए थे कि कोई भाजपाई यहां नहीं पहुंचे।
एक कार्यकर्ता का तो यहां तक कहना है कि एक नेता तो वेलांगरी में होने वाले एक आयोजन में भाग लेने के बहाने उन लोगों को सर्किट हाउस से खिसकाने के लिए यहां तक भी पहुंचे थे। इन सबके लिए तिवारी ने पत्रकार वार्ता की अंतिम लाइन में एक संदेश छोड दिया है कि आते हैं जाते हैं लोग, कभी कोई इधर बहता और कभी उधर बहता है और अभी वे ठीक समय की ठीक धारा के साथ में हैं।
जोशो खरोश से किया स्वागत
तिवाडी के आबूरोड, सरूपगंज, वास्तानजी तथा सिरोही पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं व ब्राह्मण समाज ने जोशो खरोश से स्वागत किया। तिवाडी के राजे सरकार में कथित रूप से भाजपा में सक्रिय दलालों के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद जो छवि उभर कर आई उसके साथ एक तिवारी सब पर भारी का नारा पैदा हुआ।
इसी नारे से हर जगह तिवारी का स्वागत अभिनन्दन किया गया। सिरोही सर्किट हाउस में हुई कार्यकर्ताओं की बैठक में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार में सिरोही जिले में सत्ता और संगठन में आई व्याधियों की खुलकर तिवाडी से चर्चा की।