कोलकाता। सारदा चिटफंड मामले के आरोपी तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को अदालत से फिर राहत मिली है। अदालत ने उनके अंतरिम जमानत की अवधि को 23 दिसंबर तक बढा दिया है।
खास बात यह रही कि सीबीआई ने अंतरिम जमानत बहाल रखने संबंधी कुणाल की अर्जी का अदालत में विरोध नहीं किया।
बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश असीम राय व मलय बनर्जी की डिविजन बेंच के समक्ष कुणाल घोष के वकीलों ने अपने मुवक्किल की अंतरित जमानत की अवधि बढाए जाने के लिए अर्जी दाखिल की।
दूसरी तरफ इससे पहले ही सीबीआई के वकील राघव चारलू ने अप्रत्यासित रूप से कुणाल की अर्जी का समर्थन कर दिया था। उन्होंने अदालत से कहा कि कुणाल घोष की मां ब्लड कैंसर से पीडित हैं। उनकी शारिरिक स्थिति गंभीर है।
अदालत ने कुणाल घोष को जिन शर्तों के साथ जमानत दी थी, उनका भी वे सही तरीके से पालन कर रहे हैं। ऐसे में उनकी सशर्त जमानत की मियाद बढाए जाने पर सीबीआई को कोई आपत्ति नहीं है।
इसके बाद अदालत ने कुणाल की अंतरिम जमानत की अवधि 23 दिसंबर तक बढाने का फैसला किया। हालांकि अदालत में कुणाल को सीबीआई के वकीलों का समर्थन मिलने से अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
हालांकि सीबीआई के वकीलों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने सिर्फ मानवता के आधार पर कुणाल की जमानत का समर्थन किया।