कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नोटबंदी के मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना चुकी है।
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी कई बार इस बात के संकेत दे चुकी है कि मौका मिलते ही उनकी पार्टी संसद में एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से नहीं चूकेंगी। हालांकि ऐसा करने से पहले तृणमूल अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लेना चाहती है।
पार्टी से मिली जानकारी के अनुसार ममता इस मुद्दे पर अधिक से अधिक विपक्षी दलों को अपने साथ लाना चाहती है और इस कोशिश में उन्हें कामयाबी भी मिल रही है। कांग्रेस व कुछ अन्य विरोधी पार्टियां ममता की योजना में शामिल होने के लिए हामी भर चुकी है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए ममता ने कहा था कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में गंभीरता से सोच रही है।
ममता ने कहा कि नोटबंदी जैसे बड़े मुद्दे पर यदि हम अब तक केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाए तो इसका मतलब यह है कि हम राजनीतिक शिष्टाचार निभाना जानते हैं। लेकिन ऐसा किया जा सकता है।
उन्होंने यह भी दावा किया था कि कांग्रेस सहित कई अन्य पार्टियां इस मामले में उनके साथ है। उल्लेखनीय है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद से तृणमूल कांग्रेस लगातार इस फैसले का विरोध करती आ रही है। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से केंद्र को पत्र भेज कर पुराने नोट चालू रखने का अनुरोध किया गया था।
नोटबंदी के फैसले के खिलाफ ममता कुछ अन्य दलों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर राष्ट्रपति से मिली थीं और केंद्र के फैसले पर कडी आपत्ति जताई थी। इसके बाद ममता ने दिल्ली, लखनऊ व पटना में सभाये कर नोटबंदी के खिलाफ देशव्यापी मुहिम चलाने का प्रयास किया था।
ममता की इन तमाम कोशिशों के बावजूद केंद्र सरकार टस से मस नहीं हुई। यही वजह है कि तृणमूल अब इस मुद्दे पर केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सोच रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार संसद के चालू शीतकालीन सत्र के दौरान ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।