राजसमंद। गुजरात में पटेल आरक्षण आन्दोलन से सुर्खियों में आए हार्दिक पटेल ने राज्य बदर होने के बाद राजस्थान में भी टकराव की नीति पर कायम रहने के मंसूबे दिखाए।
बुधवार को सुबह नाथद्वारा से उदयपुर लौटते समय फोरलेन पर नेगडिया टोलबूथ पर चार गाडिय़ों के काफिले के साथ गुजरे टोलबूथ पर मौजूद टीसी ने टोल राशि मांगी तो काफिले के लोगों ने उसे हार्दिक पटेल का हवाला देकर धमकाते हुए बिना टोल टैक्स चुकाए जाने लगे।
इस पर अन्य टोलकर्मी भी मौके पर आ गए मगर सबको धता बताते हुए चारों कारों का काफिला वहां से बिना टोल चुकाए धमकाते हुए गुजर गया। बाद में बूथ टीसी कपिलदेव ने हार्दिक व चार कार सवारों के खिलाफ देलवाड़ा थाने में धमकाने व बिना टोल टैक्स दिए गुजर जाने का मामला दर्ज कराया है। थानाधिकारी समीउल्ला खां ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हालांकि टोल टैक्स नहीं चुकाना कानूनन जुर्म है। स्थानीय पांच पंचायत वासी लम्बे समय से स्थानीय वाहनों को टोल से मुक्ति की मांग कर रहे हैं जिसे सदभाव कम्पनी येन-केन प्रकारेण दबा देती है। टोल पर बवाल करने वाले लोगों से कम्पनी के बाउंसरों का इस्तेमाल कर सख्ती से निपटती हैं जिससे बिना अवरोध स्थानीय से भी टोल वसूल कर रही है।
टोल में मुक्ति का स्थानीय आन्दोलन भी कम्पनी के रवैए के चलते पस्त हो चुका है। नेतृत्व ठण्डा पड़ चुका है। ऐसे में हार्दिक द्वारा टोल नहीं चुकाना और टोल प्रबंधन द्वारा मौके पर कोई कार्रवाई ना करने से स्थानीय आन्दोलन फिर भडक़ सकता है।