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chocolate khane ke fayde aur nuksaan | ज्यादा चाॅकलेट खाने से हो सकती हैं ये बीमारी
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ज्यादा चाॅकलेट खाने से हो सकती हैं ये बीमारी

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ज्यादा चाॅकलेट खाने से हो सकती हैं ये बीमारी
too much chocolate cause to many disease

too much chocolate cause to many disease

चाॅकलेट एक ऐसी चीज हैं जिसको देखते ही के्रविंग बढ़ जाती हैं।चॉक्लेट खासकर लड़कियों की सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज़ होती हैं।लेकिन कई लोग चॉक्लेट खाए बिना नहीं रहते ऐसे में वो चॉक्लेट के एडिक्टेड होने लगते हैं और यह आदत उनके लिए बीमारी का कारण भी बन जाती हैं।

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जी हाँ एक रिसर्च के अनुसार जो लोग सेल्फ अवेयरनेस से क्रेविंग से छुटकारा पाना चाहते हैं। उनको इस पर ध्यान देने की जरूरत हेाती हैं। यहां तक की चॉकोहोलिक थॉट्स को भी दूर कर सकते हैं। इन चीजों को अपनाने से आपका लाइफस्टाइल हेल्दी हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया में पीएचडी सोफी शूमाकर जो फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है।

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इनके अनुसार जब पहली बार इस तरह से किसी चीज की क्रेविंग होती है तो शुरूआत में ही इसे हैण्डल कर लेना चाहिए। शुरूआती दौर से ही इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती हैं अगर ऐसा नही करते हैं तो ये बाद में जाकर तकलीफ दे सकती हैं। इससे दांतों में सड़न और पेट की समस्याओं से जुझना पड सकता है। ये समस्या खासतौर पर तब जब आती हैं जब हमें भूख नहीं लग रही हो।

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सोफी शूमाकर के अनुसार आप अपना ध्यान किसी क्रिएटिव चीज में लगाकर भी आप क्रेविंग को कम कर सकते हैं। जैसे अगर आप इमेजिन भी करते हैं कि आप जंगल में है या फिर ऐसी जगह जहां पर आपको इस चीजं से कुछ हासिल ना हो तो आपकी चॉकलेट खाने की इच्छा वैसे भी कम ही हो जाएगी। एक्सपर्ट कहते हैं कि हमें शुरूआत में ही क्रेविंग को टारगेट कर लेना चाहिए। अध्ययन कर्ताओं ने एक थ्योरी के जरिए एक टेस्ट किया इन्ट्रूशन थ्योरी का नाम दिया गया।

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जो इस थ्योरी में दो टेक्नीक्स को कॉग्निटिव डिफ्यूजन और गाइडिड इमेजरी को इस्तेमाल किया गया जो कि चॉकलेट क्रेविंग को कम करती है। कॉग्निटव डिफ्यूजन क्रेविंग उस समय की फर्स्ट स्टेज है जब गाइडिड इमेजरी टेक्नीक सेकेंड स्टेज को टारगेट करती हैं। खासकर चाॅकलेट को ही नहीं वरन् हर वो चीज जिसकी आदत हमें हेा और हर चीज का एक समय होता हैं तो उस चीजं से दूरियां ही एकमात्र विकल्प हेाता हैं।

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