मुंबई। बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशकों ने होली के गीतों को लगभग भुला दिया है। एक जमाना था जब रंग और उमंग के त्योहार होली के गीत फिल्मों में रखे जाते थे जो लोगों को झूमने पर मजबूर कर देते थे और अब भी ऐसे गीत श्रोताओं को खूब भाते हैं।
हिन्दी फिल्मों में होली पर आधारित गीतों की शुरुआत 1950 के दशक से मानी जाती है। उस दौर में रंग और उमंग के त्योहार पर आधारित कई फिल्में बनी जिनमें होली के गीत रखे गए थे। ये गीत आज भी उतने ही मशहूर हैं जितने उस जमाने में हुए थे। हालांकि तीन-चार साल पहले तक भी होली के गीत फिल्मों में होते थे लेकिन अब तो यह सिलसिला लगभग टूट ही गया है।
निर्माता निर्देशक महबूब खान की 1957 में प्रदर्शित फिल्म मदर इंडिया संभवत: पहली फिल्म थी जिसमें होली का गीत होली आई रे कन्हाई फिल्माया गया था। नरगिस, राजेन्द्र कुमार और सुनील दत्त अभिनीत इस फिल्म में होली के इस गीत का विशिष्ट स्थान आज भी बरकरार है।
इसके बाद वर्ष 1959 में प्रदर्शित फिल्म नवरंग में भी होली का गीत अरे जा रे हट नटखट फिल्माया गया। इस गीत से जुड़ा रोचक तथ्य है कि इसमें अभिनेत्री संध्या को गाने के दौरान लड़के और लड़की के भेष में एक साथ दिखाया गया था। सी. रामचंद्र के संगीत निर्देशन में आशा भोंसले द्वारा गाए गए भरत व्यास रचित इस सुंदर गीत को सिने प्रेमी आज भी नहीं भूल पाए है।
सत्तर के दशक में कई फिल्मों में होली पर आधारित गीत लिखे गए। इनमें राजेश खन्ना-आशा पारेख अभिनीत फिल्म कटी पतंग प्रमुख है।
आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में किशोर कुमार और लता मंगेशकर की आवाज में रचा बसा यह गीत आज ना छोड़ेगे बस हमजोली खेलेंगे हम होली में होली की मस्ती को दिखाया गया है।
इसी दशक में रमेश सिप्पी की सुपरहिट फिल्म शोले में भी होली से जुड़ा गीत फिल्माया गया था। आर.डी.बर्मन के संगीत निर्देशन में अभिनेत्री हेमा मालिनी पर फिल्माया यह गीत होली के दिन दिल खिल जाते हैं सिने दर्शक आज भी नहीं भूल पाए है।
निर्माता -निर्देशक यश चोपड़ा अपनी फिल्मों में होली से जुड़े गीत अक्सर रखते आये है। इनमें अस्सी के दशक में अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म सिलसिला खास तौर पर उल्लेखनीय है। शिव-हरि के संगीत निर्देशन में सुप्रसिद्ध कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित रंग बरसे भीगे चुनर वाली होली गीतों में अपना विशिष्ट मुकाम रखता है। इस गीत के बिना होली गीतों की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।
यश चोपड़ा समय-समय पर अपनी फिल्मों में होली से जुड़े गीत रखते रहे। इनमें हृदयनाथ मंगेशकर के संगीत निर्देशन में 1984 में प्रदर्शित फिल्म मशाल में अनिल कपूर पर फिल्माया गीत ओ देखो होली आई और 1993 में ..अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना.. श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था।
नब्बे के दशक के बाद हिंदी फिल्मों में होली गीत रखने की परंपरा काफी हद तक कम हो गई। वर्ष 2000 में यश चोपड़ा के बैनर तले बनी फिल्म मोहब्बतें में शाहरूख खान पर सोनी सोनी अंखियों वाली होली गीत फिल्माया गया। इसके बाद अमिताभ बच्चन की 2003 में रवि चोपड़ा के निर्देशन में प्रदर्शित फिल्म बागबान में भी सुपरस्टार अमिताभ पर होली खेले रघुवीरा अवध में फिल्माया गया।
इसी तरह हिंदी फिल्मों में समय-समय पर होली पर आधारित कई गीत फिल्माए गए। इन गीतों में तन रंग लो जी आज मन रंग लो, होली आई रे, दिल में होली जल रही है, आओ रे आओ खेलो होली बिरज में, जोगीजी धीरे धीरे, मल के गुलाल मोहे आई होली आई रे, अपने रंग में रंग दे मुझको, हर रंग सच्चा रे सच्चा, लेटस प्ले होली, बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी जैसे कई गीत शामिल है।