सबगुरु न्यूज-सिरोही। पिछले बीस दिनों के हालातों को देखें तो यही प्रतीत हो रहा है कि भाजपा के पांच शीर्ष नेता अपने सम्मान की खातिर जिले के शेष भाजपा जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के तिरस्कार को मौन समर्थन दे चुके हैं।
इस तिरस्कार के प्रति विस्फोट मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर नजर आया, जब सिरोही नगर परिषद के भाजपा के पार्षद नगर परिषद, अरविंद पेवेलियन में हुए गणतंत्र दिवस के समारोह व भाजपा जिला कार्यालय पर ध्वजारोहण में उपस्थित नहीं होकर एक निजी स्कूल में हुए गणतंत्र दिवस समारोह में उपस्थित हुए।
सांसद देवजी पटेल, प्रभारी मंत्री व विधायक ओटाराम देवासी, जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, सिरोही सभापति ताराराम माली और सिरोही ब्लाॅक अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी अपने ही जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के प्रशासन की ओर से किए जा रहे तिरस्कार को देखकर खुद मालाएं और साफे पहनने में व्यस्त है। ऐसे में इन पांचों की नेतृत्व क्षमता सिरोही के पूर्व विधायक संयम लोढा के नेतृत्व के आगे बौनी लग रही है, जो अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के आत्मसम्मान के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने को तत्पर नजर आए।
नाराज खेमे का कहना है कि यदि इन पांचों नेताओं ने इस ओर ध्यान देकर अपने जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों को अहमियत नहीं दिये जाने की बात प्रशासन के ध्यान में लाई होती तो यह नहीं होता, लेकिन इन लोगों को शिलालेख में अपने नाम और मंच पर माला व साफा पहनने वालों की सूचि में खुदके नाम लिखवाने से फुर्सत मिलती तो अपनी टीम का ध्यान दे पाते ना।
पार्षद को धमकी फिर भी मौन
हाल ही में सिरोही नगर परिषद के भाजपा के एक पार्षद को कथित अवैध निर्माण रुकवाने जाते समय एक स्थानीय व्यक्ति ने धमकाया। इसके लिए पार्षद ने सभापति को ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन वह कथित अवैध निर्माण रोक तक नहीं पाये। इसके विपरीत शिवगंज नगर परिषद में कांग्रेस के प्रतिपक्ष नेता से मारपीट करने वाले कर्मचारी को इसलिए हटाना पडा कि अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधि के सम्मान को लेकर लोढा के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी थी।
वही अपनी सरकार, अपना मंत्री और सभापति होने के बाद भी भाजपा अपने ही अनुसूचित जाति के पार्षद को धमकाने वाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाई।
हर स्तर पर अनदेखी
जिला प्रशासन की ओर से एक पखवाडे में जितने भी सरकारी कार्यक्रम हुए उनमें स्थानीय भाजपा पार्षदों को अनदेखा किया गया। इसके बाद भी सांसद, प्रभारी मंत्री, सिरोही सभापति, जिलाध्यक्ष और सिरोही ब्लाॅक अध्यक्ष मंचों पर चढकर साफे और मालाएं पहनकर खुदका सम्मान करवाने में व्यस्त नजर आए।
जिला चिकित्सालय में हुए उद्घाटन कार्यक्रम, प्रवासी सम्मेलन और गणतंत्र दिवस समारोह में प्रशासन ने इन पार्षदों को नहीं बुलवाया। सिरोही को छोडकर शेष नौ ब्लाॅक अध्यक्षों की भी स्थिति कुछ ठीक तवज्जो वाली नजर नहीं आई। इसी अनदेखी के कारण सोमवार को कई भाजपा पार्षदों ने अरविंद पेवेलियन और नगर परिषद सिरोही के गणतंत्र दिवस समारोह में नहीं जाकर अलग से ध्वाजारोहण कार्यक्रम में भाग लिया।