चेन्नई। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बमुश्किल छह महीने बाद तमिलनाडु कांग्रेस सोमवार को वरिष्ठ नेता जीके वासन के नई पार्टी बनाने के एलान से विभाजित हो गई। कांग्रेस ने हालांकि कहा कि उसे वासन की ओर से कोई भी इस्तीफा नहीं मिला है, और उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते सोमवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।…
वासन पार्टी से उस समय बाहर गए हैं, जब वह लोकसभा चुनाव में करारी हार से मुश्किलों का सामना कर रही है। पार्टी का महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन टूट गया है, और अपने पुनरूद्धार के लिए इसे एक नई योजना के साथ आना है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले इसके कुछ नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार में मंत्री रहे वासन ने कहा कि जनता विकल्प चाहती है। हम तमिलनाडु में जनता को विकल्प उपलब्ध कराना चाहते हैं।
दिवंगत कांग्रेसी दिग्गज जी. के. मूपनार के बेटे ने बताया कि जिस नई पार्टी का गठन वह करने जा रहे हैं, उसका सम्मेलन इसी माह त्रिची में होगा और उसमें पार्टी के ध्वज तथा नाम के बारे में निर्णय लिया जाएगा। निर्वाचन आयोग में पार्टी को पंजीकृत कराने के लिए कदम उठाए जाएंगे। तमिलनाडु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीटर अल्फोंसे, बी. एस. गणनादेसीकन के साथ कई अन्य नेता भी वासन के साथ जुड़ गए हैं।
वासन ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस समिति “हमारी अपेक्षाओं” के अनुरूप काम नहीं कर रही है और इसलिए तमिलनाडु में कांग्रेस कभी सरकार नहीं बना सकेगी। कांग्रेस 1967 से तमिलनाडु की सत्ता से बाहर है। कुछ सालों के लिए इसका एआईडीएमके और डीएमके के साथ गठबंधन हुआ लेकिन अब यह भी टूट गया है।
वासन ने अपनी पार्टी को लेकर कहा कि हम राज्य की उन समस्याओं को तरजीह देंगे, जिसका सामना यहां के लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के दिवंगत नेताओं के. कामराज और जी. के. मूपनार की विचारधारा के आधार पर काम करेगी।
इस बीच, तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष ईवीकेएस एलांगोवन ने कहा कि वासन के जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वासन के कांग्रेस छोड़ने का अनुमान लोकसभा चुनाव के पहले मई से ही लगाया जा रहा था। वासन के समर्थकों को पार्टी से बाहर निकाल दिया गया था, जिससे उनका पार्टी से मोहभंग हो गया।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने नई दिल्ली में कहा कि वासन को पार्टी आलाकमान के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
कांग्रेसी नेताओं के इस्तीफे से पार्टी के कमजोर होने के सवाल पर कुमार ने कहा कि राजनीतिक दल के जीवन में ऎसी चीजें होती रहती हैं, और कांग्रेस जब भी कमजोर पड़ी है मजबूत होकर उभरी है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तमिलनाडु की सभी 39 सीटों और पुडुचेरी की अकेली सीट पर करारी हार का सामना करना पड़ा था।
कांग्रेस से अलग होने की योजना 30 अक्टूबर को गणनादेसीकन के इस्तीफे के बाद तैयार की गई। गणनादेसीकन ने पार्टी आलाकमान पर पार्टी से संबंधित मामलों पर विचार विमर्श न करने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम पर अकेले चलने का आरोप लगाया। मूपनार को 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस का गठन करने के लिए कांग्रेस से अलग कर दिया गया था। 2002 में पार्टी का नेतृत्व वासन के हाथ में आने पर उन्होंने कांग्रेस में उसका विलय कर दिया।
श्रीलंका में लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान रोकने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के मना करने के कारण लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु की पार्टियों के लिए कांग्रेस अछूत की तरह थी।