सबगुरु न्यूज-माउंट आबू। माउंट आबू में दीपावली के बाद शुरू होने वाले सीजन में जैसी प्रशासनिक और पुलिस मशीनरी का फेलियर इस साल देखने को मिला ऐसा पिछले दो दशकों में देखने को नही मिला। पर्यटकों से बोटिंग सहित अन्य स्थानों पर निर्धारित डर से ज्यादा की वसूली। विरोध जताने पर उनके साथ पिटाई।
नक्की बाजार को पूरी तरह से अघोषित फेरी जोन बनाने और पुलिस कर्मियों द्वारा पर्यटकों को परेशान करने जैसे कई आरोपों से इस बार पुलिस और प्रशासन को घिरनक पड़ा। वहीं नक्की गार्डन में घास और पौधों की जगह फेरी वाले और फोटोग्राफर्स की दुकानें उगा दी गयी हैं। कुल मिलाकर प्रशासन ने इस बार ऐसा कोई व्यवस्थित ककम नही किया जिसका दावा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यहां पर पर्यटकों और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए करने का किया था।
-नक्की झील को फेरी वालों ने अगुवा किया
माउंट आबू में आने वाले पर्यटक, माउंट आबू के व्यापारी और स्थानीय लोगों ने होश संभालने पर जैसी अव्यवस्था न्हों देखी वैसी इस बार प्रशासन ने दिख दी। नक्की बाजार में नक्क़ी झील के निकट अवैध फेरी जोन बना दिया। कोई प्रशासनिक अधिकारी इसे हटाने नही पहुंचा। इस अवैध फेरी वालों को हटाने की दरख्वास्त लेकर नगर परिषद में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष नारायण सिंह ने नगर परिषद में बुधवार को अधिकारियों से जो बात कही वो वाकई चिंताजनक है।
उन्होंने बताया कि नक्की झील के सरोवर रेस्टोरेंट के पास लगाई एक अवैध फेरी वाले को हटाने के लिए जब आयुक्त पहुंचे थे तो उनसे भी अभद्रता की गई। वहीँ नक्की झील के सटे बगीचे को फोटग्राफर्स को दुकान बना दिया है। गार्डन में फूल, पत्ती और और घास कम, फेरी वाले, फोटोग्राफर्स की शॉप और धूल ज्यादा नजर आ रही है।
-भाजपा नेता ने कुछ यूं बयान की ये बदहाली
सोशल मीडिया पर जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की विफलता को लेकर लोगों में जबरदस्त गुस्सा नजर आया। भाजपा जिला उपाध्यक्ष सौरभ गंगाडिया ने व्हाट्स एप पर इस प्रशासनिक अव्यवस्था की जो तस्वीर पेश की है वो हूबहू कुछ इस तरह है।
‘माउंट आबू में प्रशाशन की संवेदनहीनता व निष्क्रियता से दीपावली season पर व्यवस्थाओ में भारी कमी दिखी । सभी बड़े ऑफिसर्स leave पे उतर गए थे ।supervision subordinate स्टाफ के भरोसे । टूरिस्ट के साथ अभद्र व्यहवार हुआ परंतु कोई कार्यवाही नहीं नक्की लेक गार्डन बना फेरियो का अड्डा । गार्डन की दशा पर रोना आ रहा है ।बोट हाउस पे मनमाना दाम वसूला जा रहा …पर्यटको के साथ मार पीट होती है । कोई रेट लिस्ट नहीं…total chaos…बोट हाउस में आबू के महान नेताओ की दलाली।सभी मूक दर्शक बन कर तमाशा देख रहे है व अपनी जेब गरम कर रहे है ।आबू की छवि दिन प्रति दिन ख़राब हो रही है…business दिन प्रति दिन कम होता जा रहा है । पब्लिक utilities की हालात बेहद ख़राब । जिला प्रशाशन व लोकल एडमिनिस्ट्रेशन absolutely failure. यहाँ पर सभी अधिकारिओ को ऐसा लगता है की वो vacation पर है या एक hill स्टेशन पर leisure trip पे है । उनके ऊपर कोई watch नहीं है व उनकी कोई जवाबदेही नहीं है । उच्च अधिकारी आबू पर आते है….खाते पीते है, अपना अपना … लेकर सुबह रवाना हो जाते है । उनकी पूरी खातिरदारी हो जाती है । आबू पर घरों में होटल चल रहे है….होटल खाली रह जाते है ।होटलो के पार्किंग places में make शिफ्ट टेंट्स लग जाते है….without परमिशन । दलाल सक्रिय है…..क्या करवाना है…पैसा फेंको तमाशा देखो । नगरपालिका अधिकारी मौन, वसूली अभियान तेज़ी पे है….प्रशासन आंखें मूंद कर सो रहा है । पुलिस व्यवस्थाओ को मैनेज करने से ज्यादा …. पर ध्यान दे रहा है । हे भगवन….क्या हाल कर दिया है आबू का ।सभी की दीवाली है….बेचारा पर्यटक….आबू आ कर पछताता है…परंतु फिर भी सभी आबू वासियो का पेट भर कर….जेब भर कर जाता है । हमारा क्या व्यहवार है उनके प्रति….क्या दायित्व है हमारा ये क्या हमने सोचा है । ऐसी हालात में ये अतिशियोक्ति नहीं होगी की आबू tourism की दृष्टि से ब्लैक लिस्ट हो जाये । आबू वालो जागो….चिंता करो व अपना concern भी व्यक्त करो ।अपने हितो की व आने वाली पीढ़ियो के हितो रक्षा करनी पड़ेगी ।’