ग्वालियर। पिछले 10 दिनों में ग्वालियर की सेंट्रल जेल में दो विचाराधीन कैदियों की मौत का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि दोनों कैदियों की मौत जेल में की गई पिटाई के चलते हुई और बीमारी और दूसरे कारण बताकर जेल अफसर अपनी जान बचा रहे हैं।
किला गेट चौराहे पर अर्थी रखकर बैठे रहे परिजन
जेल में बंदी रवि अग्रवाल की मौत से आक्रोशित परिजन 2 घंटे तक किला गेट चौराहे पर अर्थी रखकर बैठे रहे। परिजन निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि जेल अधिकारियों व क्राइम ब्रांच की टीम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए।
किलागेट गंज पच्चीपाड़ा निवासी रवि पुत्र रामजीलाल अग्रवाल को क्राइम ब्रांच ने 25 जुलाई को 25 हजार रुपये कीमत की स्मैक के साथ पकड़ा था। आरोपी को स्मैक की भी लत थी। जेल में पहुंचने के बाद रवि की हालत बिगड़ गई। उसका पहले जेल के अस्पताल में इलाज कराया गया। उसके बाद उसे समुचित इलाज के लिए जेएएच में शिफ्ट किया गया था। यहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
ये आरोप लगा रहे हैं मृतक के परिजन
जेल में रवि की पिटाई की गई है। जेल में बंदी से वसूली के लिए मारपीट की जाती थी। जेल में हालत बिगडऩे के बाद रवि को जेएच में भर्ती कराने की सूचना घरवालों को क्यों नही दी गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने रवि के साथ मारपीट की है।
क्राइम ब्रांच के जवान रवि के साथ उसके बेटे बॉवी को ले गए थे। 30 हजार रुपए भी घर से उठा ले गए थे। वो बेटियों के गुल्लक के भी 2 हजार रुपए ले गए थे। बाद में ये रुपए बॉवी को देकर थाने से भगा दिया।
पीएम रिपोर्ट में दोनों के शरीर पर मिले थे चोट के निशान
बंदी रवि अग्रवाल के शव का पोस्टमार्टम होने के बाद मिले संकेतों से एक बार फिर जेल प्रशासन कठघरे में आ गया है। रवि के शव का पीएम तीन सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने किया। पीएम में रवि की जांघ व कंधे के नीचे चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा हाथ की कलाई व पैरों में भी हथकड़ी व किसी रस्सी से कसकर बांधे जाने के निशान हैं।
यह निशान आठ से दस दिन पूर्व के हो सकते हैं। इसके अलावा उसके पेट में कंजेशन (नशीला पदार्थ) भी मिला है। डॉक्टरों के लिए यह कहना मुश्किल है कि मृतक ने नशे का डॉज कब लिया है। क्योंकि आदतन नशे के आदी व्यक्ति के पेट में कंजेशन मिलना स्वभाविक है। डॉक्टर के पैनल ने जांच के लिए मृतक के सभी ऑर्गन सुरक्षित रख लिए हैं।
करीब 15 दिन पूर्व धोखाधड़ी के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल पहुंचे बिल्डर आदित्य सिंह भदौरिया की मौत भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। जेल अधिकारियों का कहना था कि आदित्य की मौत जहरीले कीड़े के काटने से हुई है, लेकिन पीएम रिपोर्ट में आदित्य के साथ मारपीट होने की पुष्टि हुई है। शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। इन दोनों बंदियों की मौत से जेल प्रशासन पर अंगुलियां उठना स्वभाविक है।