नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मोबाइल ग्राहकों के लिए एक राहत भरा कदम उठाने का फैसला किया है। इन उपायों के तहत फोन कॉल बीच में कटने पर उपभोक्ताओं से उसका फोन शुल्क नहीं लेना या फिर उनके खातों में टॉक टाइम या राशि डालना शामिल है।
मिली जानकारी के अनुसार दूरसंचार नियामक ट्राई ने एक प्रस्ताव रखा है कि अगर किसी फोन उपभोक्ता का काँल 5 सेकेंड के भीतर कटता है तो इस पर कोई शुल्क नही लगना चाहिए। वही 5 सेकेंड के भीतर कॉल ड्रॉप होती है तो उतना ही चार्ज वसूलना चाहिए, जितनी बात हुई हो।
प्रस्ताव के अनुसार काँल पर शुल्क लगाने के लिए कॉल की आखिरी पल्स को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। अर्थात अगर किसी उपभोक्ता ने प्रति मिनट का प्लान लिया है और 3 मिनट 45 सेकंड बाद कॉल कट जाए तो सिर्फ 3 मिनट का ही चार्ज लगे। ट्राई ने इस बारे में 28 सितंबर तक लोगों से सुझाव मांगे हैं।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने ट्राई के इस प्रस्ताव पर सख्त एतराज जताते हुए कहा है कि ऑपरेटर्स के खिलाफ की जाने वाली यह कार्यवाही सही नही है। काँल ड्राँप के बारे में काफी कुछ किया जाना जरूरी है। अत: इस बारे में ट्राई के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
जानकारी हो कि हाल में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉल ड्रॉप की समस्या पर चिंता जतायी थी। इसी के मद्देनजर दूरसंचार नियामक संस्था ट्राई ने यह कदम उठाया है।