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देशभर में परिवहन हड़ताल का रहा व्यापक असर - Sabguru News
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देशभर में परिवहन हड़ताल का रहा व्यापक असर

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देशभर में परिवहन हड़ताल का रहा व्यापक असर
transporters strike impacts normal life, millions hit across india
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नई दिल्ली/जयपुर। केन्द्र सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल, 2015 के विरोध में गुरुवार को पूरे देश में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन क्षेत्र की चक्का जाम हड़ताल का देश के कई भागों में व्यापक असर रहा, जिसके कारण दैनिक जनजीवन प्रभावित हुआ।

राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में हड़ताल का प्रभावी असर देखने को मिला। भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्व में सभी केन्द्रीय श्रम संगठनों एवं महासंघों ने इस हड़ताल का आह्वान किया था।

भारतीय मजदूर संघ की औद्योगिक इकाई भारतीय परिवहन मजदूर महासंघ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष राज बिहारी शर्मा ने जयपुर में कहा कि रोड ट्रांसपोर्ट एण्ड सेफ्टी बिल 2015 में परमिट का आवंटन टेंडर सिस्टम से होगा।

इस प्रणाली से अच्छे लाभ देने वाले मार्गों का परमिट बड़े कारपोरेट ले लेंगे। सार्वजनिक परिवहन के हिस्से में घाटा देने वाले मार्ग ही आएंगे। इससे इन मार्गों पर कारपोरेट का एकाधिकार हो जाएगा, जिसका परिणाम यात्री किराया में भारी वृद्धि के रूप में सामने आएगा।

छह सीट या इससे अधिक क्षमता वाले वाहनों को स्टेज कैरिज का परमिट देने के प्रावधान से सड़क मार्गों पर छोटे वाहनों की बाढ़ आ जाएगी, जो दुर्घटनाओं का कारण बनेगी। शर्मा ने कहा कि विधेयक में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना एवं कारावास के दण्ड में अव्यावहारिक वृद्धि की गई है। चालक पर 2500 से 25000 रुपए का आर्थिक दण्ड एवं 7 वर्ष तक कारावास की सजा का प्रावधान असहनीय हैं।

देश में शिक्षा के अपर्याप्त प्रसार को देखते हुए चालक की शैक्षणिक योग्यता सेकण्डरी तक करने का प्रावधान करने से आम जनता के रोजगार के रास्ते में बाधा पैदा होगी। उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की रोडवेज विरोधी नीतियों के कारण राज्य में हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही।

देश में गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और दिल्ली सहित सभी प्रदेशों में हड़ताल का प्रभावी असर रहा है। हड़ताल में सार्वजनिक परिवहन के साथ निजी परिवहन, ऑटो, टैक्सी आदि ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

विदेशी कानूनों की तर्ज पर भारत के कानूनों में परिवतर्न करने की केन्द्र सरकार की नीति राष्ट्र हित में नहीं हैं। देश की परिस्थितियों के हिसाब से कानून बनाना एवं संशोधन करना ही जनहित में होगा। यह परिवहन के क्षेत्र में अव्यवस्था एवं असुरक्षा पैदा करेगा। अत: केन्द्र सरकार को इसे वापिस लेना चाहिए।

मुंबई में केन्द्र सरकार के प्रस्तावित परिवहन सुरक्षा बिल के खिलाफ राष्ट्रीय परिवहन हड़ताल का कोई खास असर नहीं पड़ा, यहां टैक्सी, आटोरिक्शा और बसें पहले की ही तरह चलते रहे। बेस्ट के महाप्रबंधक जगदीश पाटिल ने कहा कि सुबह छह बजे से बेस्ट की 850 बसें चल रही हैं।

उन्होंने कहा कि मुलुंड और मालाड बस डिपो बंद रहा और गुरुवार सुबह बेस्ट की 75 प्रतिशत बसें सड़क पर चल रही थी। पाटिल ने कहा कि बस कंडक्टर और बस चालकों को हड़ताल में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी गई थी।