मुंबई। मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी और यहां की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन में रोज यात्रा करने वाले मुंबईवासी की जिंदगी कैसी होती है इसी को बयां करने के लिए ’15 मिनट’ नाम की एक शॉर्ट फिल्म बनाई गई है।
27 मार्च को यूटयूब पर अपलोड किए गए इस फिल्म को 381,107 बार देखा जा चुका है। फिल्म में ’सावंत साहब’ नामक शख्स को केंद्र में रखकर मुंबई में समय की कीमत को समझाने की कोशिश की गई है।
दर्शाने की कोशिश की गई है इस महानगर में इंसानों की जिंदगी में एक-एक मिनट की कितनी वैल्यू होती है। सावंत साहब का घर बोरीवली रेलवे स्टेशन के पास है और ब्रांद्रा में उनका ऑफिस है। वे हर रोज बोरीवली फास्ट लोकल पकड़कर घर जाते हैं तो वे रोजाना 11 बजे घर पहुंचते हैं।
एक दिन वे विरार फास्ट पकड़कर घर जाते हैं तो वह 10:45 पर घर पहुंच जाते हैं, यानी 15 मिनट पहले। इस फिल्म में इसी 15 मिनट की अहमियत दर्शाने की कोशिश की गई है।
सावंत साहब जब 11 बजे घर पहुंचते हैं तो उनका बेटा सो चुका होता है। साथ ही उनकी पत्नी रोज उन्हें ठंडा खाना परोस देती है। जिस दिन वह 15 मिनट पहले पहुंचते हैं तो वे अपने बेटे से मिल पाते हैं और पत्नी उन्हें गर्म खाना परोसती है।
मुंबई के भीड़भाड़ वाले लोकल से 15 मिनट पहले घर पहुंचने की क्या खुशी होती है, यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाने की कोशिश गई है।