वाशिंगटन। अमरीका में एक भारतीय बुजुर्ग पर एक पुलिसकर्मी के हमले की घटना में अत्यधिक बल के प्रयोग के मामले की फिर से सुनवाई में दो साथी पुलिसकर्मियों ने गवाही दी कि पीडि़त ने कोई खतरा पैदा नहीं किया था।
इस मामले में भारतीय बुजुर्ग आंशिक रूप से लकवाग्रस्त हो गए थे। मैडिसन के पुलिस अधिकारी चार्ल्स स्पेंस ने गवाही दी कि 58 वर्षीय सुरेशभाई पटेल ने पुलिस के सामने कोई खतरा पैदा नहीं किया था।
उन्होंने कहा कि मैं अपनी बताउं, तो मुझे ऐसा लगा कि उनकी उम्र 70 वर्ष के करीब है। दूसरे अधिकारी क्लाइंट हारेल ने गवाही दी कि पटेल के खिलाफ कोई आपराधिक आचरण का दस्तावेजी सबूत मौजूद नहीं है और पटेल पर हमला करने के लिए भी कोई तार्किक संदेह नहीं था।
अगर वह किसी के आरोपी भी हैं तो भी आपको सही ढंग से व्यवहार करना होता है। पटेल को आंशिक रूप से लकवाग्रस्त करने वाले हिंसक हमले के आरोपी पुलिस अधिकारी एरिक पारकर के खिलाफ फिर से सुनवाई अलाबामा की एक संघीय अदालत में इस सप्ताह शुरू हुई।
पारकर पर छह फरवरी को कंट्रीलाइन रोड के पास मैडिसन में तकरार के बाद पटेल के नागरिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप है। संघीय अभियोजकों ने कहा कि अलाबामा में अपने नवजात पोते से मिलने अपने बेटे के पास आए पटेल पर हमला किया गया था जबकि उन्होंने पांच बार गुहार लगाई थी कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती है।