बडवानी। चिकित्सकों की सलाह न मानना एक गर्भवती आदिवासी महिला के परिजनों को उस समय भारी पड़ गया जब मंगलवार रात अस्पताल छोड़कर घर जाने के दौरान उस महिला ने बस में ही दो शिशुओं को जन्म दे दिया।
मध्यप्रदेश के बडवानी जिले के सेंधवा के विकास खंड चिकित्साअधिकारी डॉ. जेपी पंडित ने बताया कि मेलिया ग्राम की 26 वर्षीय गोमती बाई 17 जनवरी को सिविल अस्पताल में भर्ती हुई थी।
19 जनवरी की शाम उसके परिजनों को बताया गया कि गोमती को अगले आठ दस घंटे में प्रसूति हो सकती है और अस्पताल उसके लिए सबसे उचित स्थान है। डॉ. पंडित ने बताया कि उन्होंने चिकित्सकीय सलाह को दरकिनार कर दिया और और दस्तावेजों पर आवश्यक दस्तखत कर उसे लेकर मेलिया के लिए बस से निकल गए।
इसी दौरान रास्ते में सेंधवा से 35 किमी दूर बलवाडी में गोमती को प्रसव वेदना हुई और उसने बस में एक कन्या शिशु को जन्म दे दिया। इसी हालत में वे और आगे चलते रहे और बलवाडी से 15 किमी दूर गुरूघाटी में महिला ने पुन: एक शिशु को जन्म दिया।
इसके बाद वे वहां से 5 किमी दूर धवली स्थित शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए जहां उसे आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई गई। वहां के डॉ. अम्बाराम सितोले ने बताया कि कन्या शिशु का वजन 1.9 किग्रा और बालक का 1.5 किग्रा है तथा दोनों शिशुओं समेत गोमती बाई को बेहतर चिकित्सा की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि गोमती के परिजन परामर्श दिए जाने के बाद भी नहीं माने और उसे डिस्चार्ज करा कर ले गए। गौरतलब है कि आदिवासी बहुल बडवानी खरगोन धार अलीराजपुरव झाबुआ जिलों में उचित जारूकता न होने के चलते सड़क, खेत, बस, जीप, आटो रिक्शा, जननी एक्सप्रेस आदि पर प्रसव होना कोई नई बात नहीं है।