जम्मू। स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पहली बार मुख्यमंत्री के तौर पर ध्वजारोहण करने लगीं तो तिरंगा जमीन पर गिर गया। अचानक तिरंगा नीचे गिरने से सीएम मुफ़्ती सकते में आ गईं। वे पहली बार वह बक्शी स्टेडियम में बतौर मुख्यमंत्री तिरंगा फहरा रही थीं।
उनकी सुरक्षा घेरे के सुरक्षाकर्मियों ने अफरातफरी में तिरंगा उठाया। जब तक उन्होंने सैल्यूट लिया तब तक सुरक्षाकर्मियों ने झंडा अपने हाथों में रखा। जब महबूबा पैरामिलेट्री और पुलिस दल का मुआयना करने गई तब जल्दी-जल्दी झंडे को फहराया गया।
घटना की जांच के आदेश
इस वाकये के बाद जम्मू-कश्मीर के डीजीपी के राजेंद्र ने कहा कि इस गड़बड़ी की जांच के आदेश दे दिए हैं। जो भी इसके लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के कारण पूरे बक्शी स्टेडियम में सुरक्षाकर्मी काफी शर्मिंदा हो गए, क्योंकि बक्शी स्टेडियम में हर साल बंदोबस्त के लिए आर्म्ड पुलिस जो कि जम्मू कश्मीर पुलिस का हिस्सा है, वह जिम्मेदार होती है।
कहीं गलत रस्सी तो नहीं खिंच गई
बताया जा रहा है रिहर्सल तक सब कुछ ठीक था। कयास लगाए जा रहे हैं कि या तो गलत रस्सी खींच दी गई अथवा, रस्सी खींचते समय ज्यादा जोर लगा दिया गया।
उमर अब्दुल्ला ने कसा तंज
उधर, इस वाकये पर कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर के जरिए पर मुफ्ती को निशाना बनाते हुए लिखा ‘श्रीनगर में तिरंगा फहराने के दौरान हुई गड़बड़ी के लिए अब मुफ्ती को किसी को जिम्मेदार ठहराना होगा क्योंकि उनकी गलती तो कभी होती ही नहीं है।’
जम्मू कश्मीर के हालात के लिए केन्द्र जिम्मेदार
झंडा फहराने के बाद सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जो हालात बने हैं उसके लिए जवाहर लाल नेहरू से लेकर वर्तमान तक का केंद्रीय नेतृत्व जिम्मेदार है।
कश्मीर के लोगों के मसलों व जरूरतों को कभी भी गंभीरता व सही तरीके से नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि बंदूकों से कभी कोई मसला हल नहीं होगा।
महबूबा ने कश्मीर हिंसा पर दुख जताते हुए लोगों से कहा कि मैं आपसे वादा करती हूं कि जिन सुरक्षाबलों और पुलिसकर्मियों ने निर्देशों का पालन नहीं किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य में मुठभेड़ पहले भी होती थीं और आगे भी होंगी लेकिन इसमें वर्तमान सरकार की क्या गलती है।