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मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया - Sabguru News
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मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया

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मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया
Trinamool Congress leader Mukul Roy resigns from party, to quit RS after puja
Trinamool Congress leader Mukul Roy resigns from party, to quit RS after puja
Trinamool Congress leader Mukul Roy resigns from party, to quit RS after puja

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने सोमवार को पार्टी छोड़ने के अपने फैसले का ऐलान किया। उन्हें कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का निकट विश्वासपात्र माना जाता था।

रॉय ने कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह दुर्गा पूजा के बाद तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे। दुर्गा पूजा का समापन 30 सितम्बर को हो रहा है।

रॉय ने कहा कि मैं भारी दिल और दुख से आपको यह बताना चाहता हूं कि मैंने सैद्धातिक फैसला लिया है। मैं अब पार्टी का पदाधिकारी नहीं हूं। मैं अपना इस्तीफा पार्टी की कार्यकारी समिति को आज मेल कर दूंगा।

उन्होंने कहा कि मैं दुर्गा पूजा के बाद राज्यसभा सदस्यता छोड़ दूंगा। मैं कुछ दिनों बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छोड़ दूंगा।

रॉय ने हालांकि अपने फैसले के बारे में अधिक जानकारी देने या इसका कारण बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बारे में वह बाद में बात करेंगे।

पूर्व रेल मंत्री ने कहा कि आज पंचमी है। बंगाल के और बाकी भारत के लोग त्योहार के मूड में है। यदि मैं इन चीजों को अब बताऊंगा तो लोग इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे।

तृणमूल के संस्थापकों में से एक रॉय ने कहा कि 17 दिसम्बर 1997 को पार्टी की नींव रखने वालों में से वह एक थे। तृणमूल आधिकारिक तौर पर एक जनवरी 1998 में अस्तित्व में आई थी।

कई महीनों तक पार्टी में दरकिनार किए जाने के बाद कई सप्ताह से रॉय के पार्टी छोड़ने का अनुमान लगाया जा रहा था, उन्होंने धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बना ली थी।

ऐसा भी अनुमान है कि वह किसी अन्य पार्टी, विशेष रूप से भारतीय जनता पार्टी के साथ नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं।

अपने संयम, चतुराई और संगठनात्मक क्षमता के लिए मशहूर रॉय के बारे में कहा जाता है कि वह 2011 में बंगाल में पार्टी के सत्ता में आने के बाद मुख्य प्रशासनिक एवं पुलिकर्मियों की पदोन्नित और तबादले के संबंध का अधिकार रखते थे।

रॉय द्वारा तृणमूल पार्टी छोड़ने का यह ऐलान पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी की उस चेतावनी के तीन दिन बाद आया है, जिसमें चटर्जी ने रॉय को भाजपा से नजदीकी बढ़ाने पर सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि हम उन पर नजर रखे हुए हैं।

पिछले सप्ताह रॉय ने जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कराने वाले पुलिसकर्मी को तब वापस भेज दिया था जब ममता ने पार्टी संगठन का ढांचा बदलते हुए पार्टी में उपाध्यक्ष का पद खत्म कर दिया था। रॉय इस पद पर पिछले एक से अधिक वर्ष से थे।

उन्हें पार्टी के कई कार्यक्रमों से भी दूर रखा गया और त्रिपुरा में पार्टी प्रभारी के पद से भी बर्खास्त कर दिया था। रॉय का नाम शारदा चिटफंड घोटाले में आया है। 2015 में सीबीआई ने उनसे पूछताछ की थी। उसके बाद से तृणमूल से उनके संबंध बिगड़ते गए।