उज्जैन। 6 दिन पहले ग्राम बनबना में हुए तिहरे हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने किया। पुलिस के अनुसार मृतक ने ही पत्नी और बच्चे का गला घोटकर हत्या कर दी थी।
उसके बाद दोनों के शवों को आग लगा दी तथा खुद भी आग में कूद पड़ा। परिवार के लोगों को जब पूरे घटनाक्रम की जानकारी लगी तो उन्होंने साक्ष्य छुपाने के लिए आग में डीजल, केरोसिन और लकड़ी डाल दी थी। मामले में पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ साक्ष्य छुपाने का प्रकरण दर्ज किया है।
उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार शाम को ग्राम बनबना में रहने वाले नरेन्द्र राजपूत, पत्नी नंदाकुंवर और पुत्र हंसराज का शव उसी के खेत में बनी होद में पुलिस को जली हुई अवस्था में मिला था। पांच दिन तक चली जांच के बाद पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नरेन्द्र की पत्नी नंदाबाई का सास, देवर और परिवार के अन्य लोगों से आए दिन विवाद होता रहता था। इसी विवाद के चलते वह पति नरेन्द्र पर मानसिक दबाव बनाती थी। इसी के चलते वह परिवार से अलग खेत में बनी एक झोपड़ी में पिछले कुछ महीनों से रहने लगी थी।
लगातार पारिवारिक विवाद के बाद नरेन्द्र ने पत्नी और बच्चे की हत्या करने की योजना बनाई। वह पत्नी और बच्चे को घर से ट्रेक्टर में बैठाकर ले गया और रास्ते में दोनों का गला घोट दिया। दोनों की मौत हो जाने के बाद वह अपने खेत पर आया और दोनों के शवों को होद में डालकर आग लगा दी।
कुछ देर बाद वह भी होद में कूद गया। चीख सुनकर भाई बृजेन्द्र, चाचा का लडक़ा चैनसिंह, परिजन रघुनाथ, दादू, मणिशंकर और नृसिंह तथा एक नौकर वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि नरेन्द्र और उसका परिवार होद में जल रहा है। यह देखकर सभी लोग सहम गए। उन्होंने पुलिस कार्रवाई के डर से साक्ष्य छुपाने के लिए आग में लकड़ी, डीजल और केरोसिन डाल दिया ताकि राख में पुलिस को कोई सबूत न मिले। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 201 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।