सूरत । सूरत के वराछा इलाके में शनिवार रात हुए तीहरे हत्याकांड में हमलावरों का निशाना बालू हीराणी था लेकिन बीच बचाव करने पर उन्होंने भरत तोगडिय़ा, अशोक किकाणी व महेश रादडिय़ा पर भी हमला बोल दिया। हमले में अशोक, भरत व बालू की मौत हो गई जबकि महेश गंभीर रुप से घायल हो गया था। इस संबंध में पुलिस ने मध्यरात्रि बाद चार जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अश्विनी कुमार रोड लक्ष्मीनगर सोसायटी निवासी जमीन दलाल एवं फाइनेंसर बालू पुत्र माधाजी हीराणी (45) शनिवार रात नौ बजे मोदी मोहल्ले के आराधना चैबर्स में स्थित अपने कार्यालय में बैठे थे। उनके साथ ही मित्र धर्मनगर रोड आशीष अपार्टमेंट निवासी भरत पुत्र छगन तोगडिय़ा (39), सरथाणा गोविन्द पार्क सोसायटी निवासी अशोक पुत्र डुंगरसिंह किकाणी (42) व सरदार कॉपलेक्स, अश्विनी कुमार रोड निवासी महेश जाधव रादडिया (35) भी थे।
ठीक उसी दौरान एक ५५ वर्षीय वृद्ध कार्यालय में दाखिल हुआ। उसने बालू से कहा कि मैटर पतानी है या नहीं? इस पर बालू ने उससे कहा कि अभी नहीं बाद में देख लेंगे। लेकिन उसने कड़े लहजे में कहा कि अभी मैं और चक्कर नहीं लगाउंगा आज ही फैसला हो जाएगा। उसके तुंरत बाद तीन युवक कार्यालय में घुस आए।
उन्होंने बालू के साथ मारपीट शुरू कर दी। भरत, महेश व अशोक ने बीच बचाव किया तो उन्होंने चाकू निकाल लिए और ताबड़तोड़ कर उन पर हमला कर दिया। महेश किसी तरह खुद को बचा कर कार्यालय से बाहर भागा तो एक हमला ने पीछा उस पर भी हमला किया और उसके बाद एक कार में सवार होकर फरार हो गए।
हमले में भरत व अशोक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि बालू व महेश गंभीर रुप से घायल हो गए। उन्हें स्मीमेर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां कुछ ही देर में बालू का भी दम टूट गया। महेश को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
शहर पुलिस आयुक्त आशीष भाटिया समेत आलाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची वराछा पुलिस ने बालू के कार्यालय के सामने की दुकान पर में लगे सीसी टीवी कैमरे की फुटेज की जांच कर जिस कार में हमलावर आए थे। उस कार का नंबर हासिल किया। हमलावरों के सौराष्ट्र की तरफ भागने की आशंका के चलते अलर्ट घोषित करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
वहीं पुलिस को प्राथमिक पड़ताल व जांच में यह भी पता चला कि घटना से पूर्व दो जनों ने मौके पर ही रेकी भी की थी। इस पर पुलिस तुंरत हरकत में आई अलग अलग टीमें बना कर हमलावरों की खोज शुरू कर दी। पुलिस ने गौतम उर्फ गोल्डन समेत तीन जनों को अरेस्ट कर लिया है लेकिन आधिकारिक रुप से पुष्टी नहीं की है।
सौराष्ट्र की जमीन के सौदे के बारे में था विवाद
सूत्रों के मुताबिक जमीनों की खरीद फरोक्त व फाइनेंस का काम करने वाले बालू ने सौराष्ट्र के अमरेली जिले के बगसरा में जमीन खरीदी थी। जिसका मामला निपटाने के लिए उसने कामरेज निवासी गौतम गोल्डन की बहीन कोमल की मदद ली थी। कांग्रेस की नेता कोमल ने सरकारी महकमे के अपने संपर्को के जरिए उसका काम करवा दिया था। लेकिन इस काम के लिए जो रकम तय हुई थी उसको लेकर बालू के साथ उनका विवाद चल रहा था। लेनदेन के लिए पहले भी गौतम और उसका पिता बालू के कार्यालय के चक्कर लगा चुके थे। इसी के चलते शातिर गौतम ने हमले की साजिश रची और उसे अंजाम दिया।
प्रवीण तोगडिय़ा भी हुए भरत की अंतिम यात्रा में शरीक
भरत तोगडिय़ा की श्मशान यात्रा में विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव प्रवीण तोगडिय़ा भी शामिल हुए। मनपा में विपक्ष के पार्षद प्रफुल्ल उर्फ पपन तोगडिय़ा व उनके सगे भाई भरत दोनों रिश्ते में प्रवीण तोगडिय़ा के भतीजे है। प्रवीण तोगडिय़ा ने इस घटना को दुखद बताया और कहा कि पुलिस जल्द ही हमलावरों पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने भरत व परिजनों को ढांढस बंधाया। इससे पूर्व स्मीमेर अस्पातल में भरत, बालू व अशोक का पोस्टमार्टम किया गया। उसके बाद सुबह 11 बजे अशोक व उसके बाद दोपहर एक बजे बालू व शाम को चार बजे भरत की श्मशान यात्रा निकाली गई।
बड़ी संख्या में पास कार्यकर्ता हुए शामिल
तीहरे हत्याकांड की घटना के बाद रविवार दोपहर स्मीमेर अस्पताल के पोस्टमार्टम रुम पर पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति के मुख्य कन्वीनर हार्दिक पटेल के पिता भरत पटेल व राजकोट के कन्वीनर ललित वसोया समेत अन्य कई पास कार्याकर्ता पहुंचे। उन्होंने प्रफुल्ल तोगडिय़ा को ढांढस बंधाया और उसके बाद श्मशान यात्रा में भी शामिल हुए। पास कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के चलते पुलिस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर दिए। पुलिस ने अश्विनी कुमार श्मशान गृह से लेकर मृतकों के घर तक सभी चौराहों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया था।